Pradosh Vrat Puja: प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है. सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आने से पहले के समय को प्रदोष काल कहा जाता है. इस व्रत में भगवान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है.  हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की बहुत मान्यता है.  आज 24 नवंबर को कार्तिक माह का दूसरा और अंतिम प्रदोष व्रत है. यह व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसकी वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है.


शुक्र प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं ये शुभ योग 


शुक्र प्रदोष व्रत के दिन आज सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से इसे बहुत ही शुभ माना गया है. आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. वहीं,अमृत सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 51 मिनट से शाम 04 बजकर 01 मिनट तक रहेगा.


इस विधि से प्राप्त होगी भोलेनाथ की कृपा




  • प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है. आज संध्या काल में घी, शहद दूध, दही और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, कनेर के फूल,भांग अर्पित करें. आज के दिन भगवान शिव को घी शक्कर और गेहूं के आटे से बना भोग अर्पित करने से घर में खुशहाली आती है.

  • आज के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दूध, शक्कर, सफेद वस्त्र और दही का दान करने से भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होकर मनचाहा आशीर्वाद देते हैं. प्रदोष काल में शिव मंदिर में जाकर शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से आर्थिक लाभ मिलता है.

  • प्रदोष व्रत के दिन महादेव को दूध,धतूरा,आक,गंगाजल,चंदन,अक्षत और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. इससे महादेव प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं.

  • अगर कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो आज के दिन सफेद वस्त्र धारण कर भोलेनाथ की पूजा करें. अपने माथे पर चंदन का तिलक लगाकर ही घर से बाहर निकलें. 


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