AI यानि की मशीनों से संचालित होनी वाला दिमाग. शुद्ध हिंदी में इसे कृत्रिम बुद्धि कहा जाता है. ज्योतिष में बुद्धि का संबंध बुध ग्रह से है. जो आज यानि 26 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में वक्री हुआ है. ज्योतिष विज्ञान में जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो उसका प्रभाव, मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन राशि सहित देश-दुनिया पर भी पड़ता है. ग्रहों के प्रभाव से बचना नामुकिन है.
ग्रहों के बदलाव से होने वाले परिवर्तन की भविष्यवाणी करने की परंपरा हजारों साल पुरानी रही है. बुध ग्रह की स्थिति में 26 नवंबर 2024 को हुए परिवर्तन से कुछ बड़े संकेत मिल रहे हैं, जो देश-दुनिया की सोच को भविष्य में प्रभावित कर सकते हैं. बुध ग्रह का संबंध ज्योतिष ग्रंथों में गणित, गणना, मार्केट, वाणिज्य, लॉजिस्टिक, कानून, मेडिसन, त्वचा, पब्लिकेशन, गायन, भाषा, बोली आदि से बताया गया है.
AI की शुरुआत कब हुई थी?
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार 1955 में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) शब्द बना.प्रोग्रामर जॉन मैकार्थी (John McCarthy) ने इसे Artificial intelligence नाम दिया. इन्हें एआई का जनक भी कहा जाता है.
बुध है बुद्धि
ज्योतिष में बुद्धि को बुध ग्रह से जोड़कर देखा जाता है. 1955,1956 और 1958 में ग्रहों की स्थिति का परिक्षण करें तो जब-जब बुध ग्रह की भूमिका बदली है तब-तब AI को लेकर बड़े शोध सामने आए हैं. एक बार फिर बुध की चाल में बड़ा परिवर्तन हुआ है, जिससे प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में AI को लेकर कुछ बड़ी बातें सामने आ सकती हैं.
AI पर कानूनी की पकड़ मजबूत होगी
इसमे कोई शक नहीं है कि AI एक सुपर तकनीक है. यही कारण है इस पर अंकुश लगाने की बात कही जाती है. इस तकनीक का गलत प्रयोग न हो इसके लिए इसे कड़े कानून के दायरे में लाने की मांग हो रही है. दुनिया के सभी देश इसे लेकर अत्यंत गंभीर हैं. AI जनरेटेड फेक न्यूज की शिकायतें पिछले कुछ समय में तेजी से बड़ी हैं. सोशल मीडिया पर इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल रहे हैं. आने वाले दिनों में AI को लेकर कानून सख्त हो सकता है. नए नियम बन सकते हैं. बुध का परिवर्तन इस दिशा में सुधार और सख्ती दोनों के संकेत दे रहा है. आने वाले दिनों में यूरोप, अमेरिका, मिडिल यूरोप और अफ्रीका के कुछ देशों में AI को लेकर सख्त कानून लागू करने के समाचार मिल सकते हैं.
भारत की तरफ देखेगी दुनिया
वृश्चिक राशि में बुध वक्री होकर AI को लेकर भारत में बड़े सुधार की तरफ इशारा कर रहा है. देश के भीतर आने वाले दिनों में इस तकनीक का प्रयोग और दायरा दोनो ही बढ़ेंगे. भारत इस तकनीक के प्रयोग और सुधार से दुनिया के बड़े देशों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा. कुछ देश इसके लिए भारत की सराहना भी कर सकते हैं. शिक्षा, प्रशासन, ग्रामीण, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में इस तकनीक का प्रयोग कर, भारत दूसरे देशों के सामने उदाहरण पेश कर सकता है. वहीं देश में AI लिटरेसी को बढ़ाने के लिए सरकार ठोस कदम उठा सकती है.
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