सिंह राशि और कन्या राशि वाले इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो उनके जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होंगी. इंदिरा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है.


पंचांग के अनुसार आश्विन मास की कृष्ण की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. आश्विन मास में पितृ पक्ष चल रहे हैं. इसलिए पितृ पक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत और पूजा पितरों के लिए अतिश्रेष्ठ मानी गई है. इस दिन पितरों का विधि पूर्वक श्राद्ध कर्म करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है और श्राद्ध कर्म करने वालों को इसका विशेष पुण्य प्राप्त होता है.


इंदिरा एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है
मान्यता है कि इंदिरा एकादशी का व्रत व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाता है. हर प्रकार की मनोकामनाओं को यह व्रत पूर्ण करने वाला माना गया है. पौराणिक कथा के अनुसार सतयुग में महिष्मति राज्य के राजा इंद्रसेन ने नारद मुनि के कहने पर इंदिरा एकादशी का व्रत और पूजा की थी. जिससे उनके पिता को स्वर्ग में स्थान प्राप्त हुआ था.


चातुर्मास में इंदिरा एकादशी का महत्व
चातुर्मास में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व होता है. चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करते हैं. चातुर्मास में पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.


सिंह राशि और कन्या राशि वाले भगवान विष्णु की ऐसे करें प्रसन्न
आश्विन मास में सूर्य का राशि परिवर्तन हो रहा है. 16 सितंबर 2020 को सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में आ रहे हैं. इसलिए इन दोनों ही राशि के जातकों को लिए इंदिरा एकादशी का दिन विशेष है. सिंह और कन्या राशि वाले इस दिन सुबह स्नान करने के बाद शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा के दौरान भगवान को पीले पुष्प और पीली मिठाई का भोग लगाएं. पूर्वजों का भी स्मरण करें और उनके प्रति आभार प्रकट करें. इस दिन हर प्रकार की बुराई से बचें और भगवान विष्णु की उपासना करें. ऐसा करने से सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने में मदद मिलेगी.


Indira Ekadashi 2020: पितृ पक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत पितरों का दिलाता है आर्शीवाद, दूर होती हैं ये परेशानियां