Eclipse 2023: इस साल सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण क्या परेशानियां लेकर आ रहे हैं? एस्ट्रोलॉजर से जानें इसके पीछे का सच
Eclipse 2023: साल 2023 में 4 ग्रहण लगेंगे, जिसमें 2 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण हैं. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास जी ने सभी ग्रहणों के समय और सूतक के बारे में बताते हुए प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी जताई है.
Solar and Lunar Eclipse 2023: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक साल में सूर्य और चंद्र ग्रहण जरूर पड़ते हैं. जब-जब सूर्य या चंद्र ग्रहण पड़ता है तब-तब इसका प्रभाव लोगों के जीवन पर जरूर पड़ता है. धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण लगने की घटना को अशुभ माना जाता है.
साल 2023 में कुल चार ग्रहण होंगे, जिसमें दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे. इसमें सबसे पहले सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन वो भारत में नहीं दिखेगा. दूसरा उपच्छाया चंद्र ग्रहण रहेगा जोकि बुद्ध पूर्णिमा पर होगा और देश देखा जा सकेगा. तीसरा ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा, जो भारत में नहीं दिखाई देगा. चौथा और आखिरी ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा. जोकि शरद पूर्णिमा पर होगा और भारत में भी दिखेगा. इस तरह से साल 2023 में लगने वाले चार ग्रहण में केवल दो चंद्र ग्रहण को ही भारत में देखा जा सकेगा, जिनका धार्मिक महत्व भी रहेगा.
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास बताते हैं कि, साल का पहला ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा. पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा. हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. साल 2023 के पहले ग्रहण को दक्षिण पूर्व एशिया,ऑस्ट्रेलिया, हिन्द महासागर और अंटार्कटिका समेत कई देशों में देखा जा सकेगा. भारत में यह ग्रहण नहीं लगेगा. लेकिन इस ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर जरूर पड़ेगा.
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास बताते हैं कि, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल 2023 में चार ग्रहण लगेंगे. लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार यानी विक्रम संवत 2080 में कुल 6 ग्रहण लगेंगे. ये 6 ग्रहण क्रमश: 20 अप्रैल, 5 मई, 14 अक्टूबर, 29 अक्टूबर 2023 और 25 मार्च 2024 और 8 अप्रैल 2024 को लगेंगे.
20 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि, पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लगेगा. यह कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा. लेकिन भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा. यानी पूजा-पाठ जैसे काम पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा. ये ग्रहण दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत और हिंद महासागर में दिखेगा. पंचांग के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
14 अक्टूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि, साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा और ये वलयाकार होगा, जोकि भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए देश में इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा. ये सूर्य ग्रहण टेक्सास से शुरू होकर मेक्सिको के साथ ही मध्य अमेरिका, कोलंबिया और ब्राजील के कुछ हिस्सों से होकर गुजरता हुआ अलास्का और अर्जेंटीना तक दिखाई देगा. यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
5 मई को पहला चंद्र ग्रहण
5 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. यानी चंद्रमा पर पड़ने वाली पृथ्वी की छाया की भी एक और छाया होने से ये ग्रहण नहीं दिखेगा. इसलिए इसका भी धार्मिक महत्व नहीं रहेगा. ये चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर पर रहेगा. यह ग्रहण रात 8:45 से लेकर रात 1 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका भी सूतक काल मान्य नहीं होगा.
28 अक्टूबर को आखिरी चंद्र ग्रहण
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात में लगेगा और यह आंशिक चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा. इस दिन शरद पूर्णिमा रहेगी. यह चंद्र ग्रहण रात 1.05 पर शुरू होगा और रात 02.24 पर खत्म होगा. इस तरह करीब 1 घंटे 19 मिनट तक ये ग्रहण रहेगा. ये चंद्र ग्रहण भारत के साथ ही एशिया के कई देशों सहित यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी-दक्षिणी अफ्रीका, आर्कटिक, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखेगा. इसका सूतक काल शाम 5 बजे से शुरू हो जाएगा.
प्राकृतिक आपदाओं की आशंका
इस साल लगने वाले चार ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा. इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं, किसी बड़े गुनाहगार के देश में वापस आने के संकेत मिल रहे हैं. प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है. फिल्म और राजनीति से दुखद समाचार मिलेगी, व्यापार में तेजी आएगी, बीमारियों में कमी आएगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
आय में इजाफा होगा, वायुयान दुर्घटना होने की संभावना, पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे और सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा. देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती हैं.
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