Surya Grahan 2020: पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण साल का दूसरा और आखिरी ग्रहण है. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण विभिन्न क्षेत्रों पर खासा प्रभाव डालने जा रहा है. सूर्य ग्रहण से आने वाले तीन माह बहुत ही विशेष हो सकते हैं.अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक आपदा और राजनैतिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस दौरान देश विदेश में उथल-पुथल की स्थिति देखी जा सकती है.
सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रहों की युति देखने को मिलेगी. सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में चंद्रमा, बुध, सूर्य, शुक्र और केतु मौजूद रहेंगे. इस कारण इस सूर्य ग्रहण का सभी राशियों के साथ साथ प्रभावशाली व्यक्तियों पर इसका व्यापक असर दिखाई देगा.
पंचांग के अनुसार 14 दिसंबर को मार्गशीर्ष यानि अगहन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि है. इस दिन को सोमवती अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन सोमवार होने के कारण इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. इस दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण खंडग्रास ग्रहण माना जा रहा है, जो भारत में नहीं दिखाई देगा. भारत में दिखाई न देने के कारण इस सूर्य ग्रहण को प्रभावी नहीं माना जा रहा है. इसी कारण इस सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा.
सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 दिसंबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट से आरंभ और 15 दिसंबर की रात 12 बजकर 23 मिनट पर सूर्य ग्रहण का समापन होगा.
सूर्य ग्रहण का प्रभाव
भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, लेकिन राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. इसलिए इसके अशुभ फलों से बचने के लिए मन को शांत रखें. धार्मिक कार्यों में रूचि लें और जरूरतमंद व्यक्तिओं की मदद करें. इस दौरान अपने अधिकारों का गलत प्रयोग नहीं करना चाहिए, धन का प्रयोग लोगों की भलाई के लिए करें, लाभ मिलेगा.
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