Solar Eclipse 2021: पंचांग के अनुसार 10 जून, गुरुवार को ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. साल का ये दूसरा और पहला सूर्य ग्रहण है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक प्रमुख घटना के तौर परे देखा जाता है. विशेष बात ये है कि बीते 15 दिनों में दूसरा ग्रहण है. इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है.
साल का प्रथम सूर्य ग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लग रहा है. इसलिए वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
भारत में सूर्य ग्रहण की स्थिति
भारत में इस ग्रहण को आंशिक सूर्य ग्रहण माना जा रहा है. आंशिक सूर्य ग्रहण को खंडग्रास, कंकणाकृति, कंकणा भी कहते हैं. इस दिन रिंग ऑफ फायर का अद्भूत नाजारा भी देखने को मिलेगा. वैज्ञानिक मत के अनुसार अमावस्या के दिन चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के मध्य आ जाता है तो सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है. वहीं जब इस स्थिति में चंद्रमा की छाया पूर्णरूप से सूर्य को ढक लेती है, तब ये पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है. लेकिन जब सूर्य की छाया चंद्रमा से बड़ी होती है, और चंद्रमा की छाया सूर्य की छाया को पूरी तरह से ढक नहीं पाती तो इस स्थिति में सूर्य एक चांदी के चमकते कंकण या फिर वलय के आकर में दिखाई देता है. इसलिए इसे वलयाकार ग्रहण भी कहते हैं.
सूतक काल
सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व है. लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण आंशिक है इसलिए सूतक नियमों का पालन जरूरी नहीं होगा. सूतक काल में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. वहीं यात्रा और भोजन आदि करना भी वर्जित माना जाता है. सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं. लेकिन जब आंशिक सूर्य ग्रहण होता है तो सूतक नियमों का पालन आवश्यक नहीं माना जाता है.
सूर्य ग्रहण का समय
10 जून, गुरुवार को सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शाम के 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.