Surya Grahan 2024 Live: सूर्य ग्रहण शुरू, कब समाप्त होगा ग्रहण, जानें
Solar Eclipse 2024 Time Live: सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है, 2 अक्टूबर 2024 को ग्रहण लगने से भारत सहित दुनिया के कई देशों पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. सूर्य ग्रहण के बारे में आइए जानते हैं.
सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 की रात 9 बजकर 13 मिनट से शुरू हो चुका है जो 3 अक्टूबर 2024 को 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. भारत में ये नहीं दिखाई दे रहा है. इसलिए इसका प्रभाव भारत में कम देखने को मिलेगा, लेकिन जिन देशों में यह पूर्ण रूप से दिखाई देगा वहां पर इसका असर सबसे अधिक देखने को मिलेगा.
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में झाड़ू और नमक के पानी का पोंछा लगाना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में प्रवेश सूर्य ग्रहण की नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं.
आज का सूर्य ग्रहण 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण है. इसके बाद 29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण लगेगा. इस दिन चैत्र अमावस्या है.
तुलसीदल, जौ, गंगाजल, कुश और तिल ये पांच चीजें ग्रहण के दौरान भी पवित्र रहती हैं और इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. ग्रहण से पहली सूतक काल में तुलसीदल सभी तरल पदार्थ में डाल देना चाहिए, इससे वो वस्तु खराब नहीं होती.
विज्ञान के अनुसार पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करता है जबकि चंद्रमा पृथ्वी के चारो ओर घूमती है. पृथ्वी और चंद्रमा घूमते-घूमते एक समय पर ऐसे स्थान पर आ जाते हैं जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीधे रेखा में रहते हैं. जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाती है और वह सूर्य को ढक लेता है तो इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं.
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से संबंधित पाठ जैसे सूर्य देव की पूजा, आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्यअष्टक स्त्रोत, का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है. इससे ग्रहण के दुष्प्रभाव में कमी आती है.
सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. तो इसीलिए मंदिर की सफाई ग्रहण और सूतक काल से पहले निपटा लें. इसके बाद ग्रहण के बाद सुबह के समय मंदिर पर गंगा से साफ करें और इसके बाद आप नवरात्रि का पूजन कर सकते हैं.
सूर्य ग्रहण आज लगेगा. भारत के समय अनुसार रात 9.12 मिनट पर ग्रहण लगेगा तो लगभग 6 घंटे रहेगा और देर रात 3.17 मिनट तक लगेगा. लेकिन साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जाएगा. इस वजह से भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा. शास्त्रों के अनुसार सूतक काल सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले लग जाता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप करें-
- ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
- ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
- जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
- उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्
- ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
इस दिन गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर ग्रहण के दौरान नहीं निकलना चाहिए.
ग्रहण के दौरान नुकिली चीजों को हाथ ना लगाएं
इस दौरान लेटे नहीं. ग्रहण के दौरान खाना खाना व्रर्जित है.
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद तुरंत स्नान करें और पूरे घर पर गंगाजल का छिड़काव करें. इससे ग्रहण की नकारात्मकता खत्म हो जाती है. |
ग्रहण खत्म होने के बाद देवी-देवताओं की मूर्ति और पूजा-स्थान के पास भी साफ-सफाई करें, गंगाजल छिड़के और दीप जलाएं. |
ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद अपने सामार्थ्यनुसार गरीबों में चना, गेहूं, गुड़,फल आदि का जान जरूर करें. |
ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार, आज 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पर गुरु वृषभ राशि में होंगे. वक्री शनि कुंभ राशि में संचरण कर रहे हैं और शुक्र तुला राशि में विरामान हैं. वहीं सूर्य, बुध, केतु और चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे. ऐसे में सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगेगा. साथ ही कन्या राशि में केतु समेत तीन ग्रहों की उपस्थिति भी विशेष मानी जा रही है.
एक पक्ष में यानी 15 दिन में दो ग्रहण लगना शुभ नहीं होता है. सूर्य ग्रहण से 15 दिन पहले 18 सितंबर को चंद्र ग्रहण लगा था. इसके साथ ही नास्त्रेदमस ने भी 2024 के लिए कई अप्रिय और डरावनी भविष्यवाणियां की थीं, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, ये भविष्यवाणियां सूर्य ग्रहण के समय यानी अक्टूबर में सच हो सकती है!
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार Nostradamus Prediction, साल 2024 में बड़ा आर्थिक संकट आ सकती है. नास्त्रेदमस ने अपनी किताब में लिखा था कि, 'गेहूं इतना ऊंचा उठेगा कि आदमी एक दूसरे को खा जाएंगे.'
2024 के लिए नास्त्रेमदस ने भविष्यवाणी की थी कि, इस साल दुनिया को गंभीर जलवायु परिवर्तन देखने को मिलेगा. इसका अंजादा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, सितंबर महीने में अच्छी वर्षा होने के बाद भी महीने के अंत में लोग मई-जून जैसी भीषण गर्मी से परेशान हैं.
सूर्य ग्रहण आज 2 अक्टूबर को लगेगा. यह साल 2024 का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण होगा, जोकि वलयाकार (Ring of Fire) होगा. भारतीय समयानुसार ग्रहण रात 09:13 से तड़के 03:17 तक रहेगा. लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा. सूर्य ग्रहण के रिंग ऑफ फायर को लाइव कैसे देखें जानने के लिए क्लिक करिए इस लिंक पर-
Solar Eclipse October 2024:
- सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि को ही लगता है.
- चंद्रमा जब पृथ्वी के करीब होता है तब वह बड़ा प्रतीत होता है.
- सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुज़रता है.
- धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन राहु सूर्य पर ग्रास लगाने का प्रयास करता है.
जब पृथ्वी, सूर्य, और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, तो ऐसी स्थिति में सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती, जिससे पृथ्वी के कुछ हिस्सों में अंधेरा छा जाता है. इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
सूर्य ग्रहण का सूतक लगते ही कुछ सावधानियां रखनी चाहिए. हालांकि भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा, लेकिन अन्य जगहों पर जहां ग्रहण दृश्यमान हो वहां जरूर सावधानी बरतनी चाहिए. जैसे पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, भोजन नहीं करना चहिए, सोना नहीं चाहिए, ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को तेजधार या नुकाली चीजों का प्रयोग नहीं करनी चाहिए.
इस साल यानी 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण आज 2 अक्टूबर को लगेगा. हालांकि ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट पर लगेगा और तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.
सूर्य ग्रहण को आप नग्न आंखों से बिलकुल ना देखें. नग्न आंखों से देखना हानिकारक होता है.इससे आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है. इसको देखने के लिए काले चश्में का प्रयोग करें.
गर्भवती स्त्रियां इस दिन घर के बाहर जाने से बचें. किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें, चाकू-कैंची न चलाएं. तुलसी दल डला हुआ पानी पिएं, सोने की बजाय भोलेनाथ के मंत्रों का जाप करें.
इस बार सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) का साया मंडरा रहा है. ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. ऐसे में आप बिना किसी संशय के इस दिन दोपहर के समय श्राद्ध कर्म कर सकते हैं.
ग्रंथों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव पृथ्वी पर अधिक रहता है. साथ ही नकारात्मक शक्तियां भी सक्रिय हो जाती है, ऐसे में ग्रहण काल के दौरान सूनसान जगह जाने से बचें. शिव मंत्रों का जाप करें. सूर्य के ग्रहण से मोक्ष होने पर स्नान-दान जरुर करें, इससे ग्रहण के दोष समाप्त हो जाते हैं.
वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलिया घटना है. धार्मिक दृष्टि से देखें तो पौराणिक कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन से निकले अमृत को भगवान विष्णु मोहिनी का रूप धारण कर सभी देवताओं को पिला रहे तो स्वरभानु राक्षस भी चुपके से जाकर देवताओं की पंक्ति में बैठ गया और अमृतपान कर लिया, लेकिन चंद्रमा और सूर्यदेव राक्षस की चाल समझ गए और सारी बातें भगवान विष्णु को बता दी. इसके बार श्रीहरि ने अपने सुदर्शन चक्र से राक्षस का सिर धड़ से अलग कर दिया. उसका सिर वाला भाग राहु और धड़ वाला भाग केतु कहलाया. कहा जाता है कि अपना बदला लेने के लिए राहु और केतु समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते आ रहे हैं.
शुभ- मकर, वृषभ, वृश्चिक और कन्या राशि वालों को हर क्षेत्र में सफलता के साथ धन लाभ होगा. करियर में आपको फायदा होगा.
अशुभ- मेष, मिथुन, कर्क, तुला राशि वालों के लिए इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण विनाशकारी साबित हो सकता है. आर्थिक संकट घहरा सकता है. सेहत को लेकर सावधानी बरतें.
ग्रहण काल में भोजन न करें. घर में मंदिर के कपाट बंद कर दें. देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें. गर्भवती महिलाएं नुकाली चीजों से दूरी बनाएं. तुलसी और पीपल जैसे पवित्र पेड़ों को न छुएं.
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगेगा.
इस ग्रहण के बाद मेष राशि वालों को अपनी सेहत का खयाल रखने की जरुरत है. साथ ही जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
ग्रहण के दौरान किसी जरुरतमंद को चना, गेंहू, गुड़, और दाल का दान करें. इन सभी चीजों का दान करना ग्रहण के बाद शुभ माना जाता है.
इसके साथ आप केले, दूध, फल, चीनी का भी दान कर सकते हैं.
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या की रात को लगेगा. यह ग्रहण 3 अक्टूबर को तड़के के समय खत्म होगा. 3 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. नवरात्रि के दिन दान जरुर करें. इस दिन दान का बहुत महत्व होगा.
सूर्य ग्रहण कल यानि 2 अक्टूबर, 2024 बुधवार को भारत के समय अनुसार रात 9.13 मिनट पर लगेगा, जो अगले दिन यानि 3 अक्टूबर को सुबह 3.17 मिनट पर समाप्त होगा.
सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं- पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण
पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total solar eclipse) | इसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से कवर कर लेता है. जिस कारण चंद्रमा की पूरी छाया पृथ्वी पर पड़ती है और धरती पर अंधेरा छा जाता है. |
आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial solar eclipse) | आंशिक सूर्य ग्रहण- चंद्रमा की परछाई जब पूरे हिस्से को न ढक कर सिर्फ पृथ्वी के एक हिस्से को ढक लेता है. |
वलयाकार सूर्य ग्रहण (annular solar eclipse) | चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूरज की रोशनी आनी बंद हो जाती है. लेकिन चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता और सूर्य के किनारे आग की तरह रोशनी (रिंग ऑफ फायर) चमकती है. इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है |
सूर्य और चंद्र पृथ्वी की एक ही रेखा में आ जाते हैं. लेकिन चंद्रमा का आकार सूर्य से छोटा होता है. इसमें सूर्य की रोशनी चंद्रमा से ढ़क जाती है और चंद्रमा के किनारे से सूर्य की रोशनी एक छल्ले की तरह नजर आती है. ऐसी स्थिति में कंकणाकृति सूर्य ग्रहण लगता है. अंग्रेजी में इसे एन्युलस कहा जाता है.
ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों को पड़ता है. लेकिन 2 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण से कर्क, सिंह, तुला, धनु और मकर राशि वाले जातक सबसे अधिक प्रभावित होंगे. ऐसे में इन राशि वाले जातक ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से सावधान रहें.
पितृपक्ष के आखिरी दिन सर्व पितृ अमावस्या पर 2 अक्टूबर 2024 को लगने वाला ग्रहण सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा. ग्रहण की कुल अवधि 06 घंटे 4 मिनट होगी.
साल 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में तो दृश्यमान नहीं होगा. लेकिन इसे दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों, होमोलूलू, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका, बेका आइलैंड, अटलांटिक, चिल्ली, पेरू, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, आर्किटक, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्य आदि जैसे देशों में देखा जा सकेगा.
सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगेगा. सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और अगली सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. इस दिन सूर्य के साथ चंद्र, बुध और केतु रहेंगे, जिनपर गुरु औऱ मंगल की दृष्टि रहेगी.
सूर्य ग्रहण बुधवार 2 अक्टूबर को लग रहा है. भारत के समयानुसार सूर्य ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा.
सूर्य ग्रहण जहां दिखाई देता है वहां उसका सूतक भी मान्य होता है. 2 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए यहां इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा. बता दें कि सूर्य ग्रहण में ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है.
बुधवार 2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा. इससे पहले 8 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था.
बैकग्राउंड
Solar Eclipse 2024 Time Live: सूर्य ग्रहण को हिंदू धर्म (Hindu) में शुभ नहीं माना जाता है. वहीं खगोलीय दृष्टि से ग्रहण एक बड़ी घटना होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक लगते ही पूजा-पाठ समेत कई कार्य वर्जित माने जाते हैं. आइये जानते हैं साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के तिथि, समय, सूतक काल, लाइव स्ट्रीमिंग आदि से जुड़ी सारी डिटेल्स-
सूर्य ग्रहण कब लगेगा (Surya Grahan 2024 Date)
सूर्य ग्रहण बुधवार 2 अक्टूबर 2024 को लगेगा, जोकि इस साल का दूसरा और अंतिम ग्रहण होगा. हालांकि इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा. भारत में दृश्यमान न होने के कारण यहां ग्रहण का सूतक (Sutak Kaal) भी मान्य नहीं होगा. बता दें कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व ही सूतक लग जाता है और धार्मिक कार्यों पर प्रतिबंध लग जाते हैं. यहां तक कि देवी-देवताओं की मूर्ति भी स्पर्श नहीं की जाती और मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं.
कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024 Timing in India)
बात करें सूर्य ग्रहण के समय की तो, भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को रात 9 बजकर 13 मिनट पर लगेगा और देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. इस समय भारत में रात रहेगी. इसलिए यह ग्रहण भारत में दिखाई नही देगा. हालांकि अन्य कई देशों में ग्रहण को देखा जा सकेगा.
खास होगा इस बार का सूर्य ग्रहण
इस साल सूर्य ग्रहण अश्विन अमावस्या पर लग रहा है, इसे सर्व पितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) कहते हैं, जोकि पितृपक्ष (Pitru Paksha 2024) का आखिरी दिन होत है. वहीं यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी खास होगा क्योंकि, इस बार वलयाकार सूर्य ग्रहण लगेगा. इसे रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) भी कहते हैं. ऐसा तब होता है जब अमावस्या (Amavasya) के दिन सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं.
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