Solar eclipse 2018: सूर्यग्रहण सुबह 7.18 बजे से शुरू होकर 08.13 मिनट पर खत्म हो गया. हालांकि इसका प्रभाव भारत में नहीं दिखा. ये इस साल का दूसरा सूर्यग्रहण था. इससे पहले 15 फरवरी को साल 2018 का पहला सूर्य ग्रहण लगा था. सूर्य ग्रहण के बाद 27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगेगा. सूर्यग्रहण के दौरान पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमते रहने के साथ-साथ सौरमंडल में सूर्य का चक्कर भी लगाती है. इसी दौरान जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूरत की रोशनी वहीं रुक जाता है. जिससे की धरती पर अंधेरा छा जाता है.


विज्ञान के मुताबिक, सूर्यग्रहण के दौरान खतरनाक सोलर रेडिएशन निकलता है. जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं मान्यताओं के अनुसार, सूर्यग्रहण के दौरान हमें कई जरूरी बातों का ख्याल रखना होता है. ग्रहण के समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है.


सूर्य ग्रहण से क्या पड़ता है ?

कुश की घास अपने पास रखकर लेटें, आराम मिलेगा.


ग्रहण के समय में कुछ खाएं नहीं.


घर में बीमार महिलाएं, अस्वस्थ महिलाएं और बुजुर्गों पर ये नियम लागू नहीं होता है.


दैवीय आपदा की संभावना है.


सूर्य ग्रहण से बचने के लिए क्या करें उपाय ?


आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.


सूर्य को जल देना शुरू करें.


रविवार को अनाज का दान देना शुरू करें.


बुजुर्गों को प्रणाम कर उनसे सलाह-मशविरा लें.


जो लोग आपसे बुद्धी, कुशलता और सामाजिक प्रतिष्ठा में बेहतर है उनके साथ रहना शुरू करें.


मंगल को प्रभावित करेगा.


कुंडली में सूर्यग्रहण योग से क्या होता है?


कुंडली में सूर्यग्रहण योग होने पर मशीनरी चीज सूट नहीं करती.


कुंडली में सूर्यग्रहण योग होने व्यक्ति बार-बार गलती करता चला जाता है.


कुंडली में सूर्यग्रहण योग होने पर मशीन से संबंधी कार्य में अनेक बाधाएं आती हैं.


मशीन संबंधी क्षेत्र में प्रतिष्ठा की हानि होती है.


सूर्य कमजोर या कुपित होने पर व्यक्ति को अधिक नुकसान का सामना करना पड़ता है.


क्या है सूर्य ग्रहण का रहस्य ?


सूर्य हमारे व्यक्तित्व का मालिक होता है.


सूर्य हमारे आत्मबल का कारक होता है.


सूर्य हमारे पिता और प्रतिष्ठा का कारक होता है..


सूर्य के खराब स्थिति में होने पर जीवन में प्रेम का सुख नहीं मिलेगा.


सूर्य के खराब स्थिति में होने पर प्रतिष्ठा की हानि होगी.


सूर्य के खराब स्थिति में होने पर मकान का सपना पूरा नहीं होगा.


सूर्य खराब हो तो घर में पशु-पक्षी वास नहीं करेंगे.


सूर्य को विद्या का स्वामी भी कहा जाता है.


सूर्य की स्थिति खराब हो तो विद्या के क्षेत्र में अड़चनें आती हैं.


सूर्य की स्थिति खराब होने पर व्यक्ति बातों की गहराई को जल्दी नहीं समझ पाता.


सूर्य कमजोर हो तो व्यक्ति जल्द तनाव लेने लगता है.


सूर्य कमजोर हो तो व्यक्ति संघर्ष नहीं कर पाता है.


सूर्य के क्रूर होने की स्थिति में वाणीदोष संबंधी दिक्कतें आती हैं.


सूर्य ग्रहण के दिन जन्में लोग तरक्की के बाद पीछे की ओर आ जाते हैं.


पूरा जीवन खुद को स्थापित करने में लग जाता है.


ऐसे लोगों के रिश्ते स्थाई नहीं होते हैं.


ऐसे लोगों की विद्या स्थाई नहीं होती है.


समय रहते सूर्य को मजबूत कर लेने से कई परेशानियां दूर हो सकती हैं