नौकरी या कहें सेवा क्षेत्र में सफलता के लिए सबसे प्रभावशाली ग्रह गुरु है. गुरु अकादमिक शिक्षा, विद्वता और ज्ञान का ग्रह है. नौकरी में सबसे ऊपर इन्हीं गुणों को रखा जाता है. व्यस्थित प्रबंधन और तय नियमों के पालन में गुरु प्रधान लोग सबसे आगे रहते हैं. अन्य लोगों से भी ऐसे लोगों की अपेक्षा भी यही रहती है. गुरु की मशीनीकरण के भी प्रमुख ग्रह माना जाता है. व्यवस्था चाहे मानवीय हो या यान्त्रिक तय नियमों से चलती है. बलवान गुरु लोगों में ये योग्यता देता है.


सूर्य का कार्य उच्च प्रबंधन से सम्मान हासिल करना है. योग्यता को आगे बढ़ाना है. परीक्षा प्रतियोगिता में उल्लेखनीय प्रदर्शन की प्रेरणा देना है. सूर्य प्रधान व्यक्ति प्रतिष्ठित और शक्ति सम्पन्न होते हैं. शासकीय सेवा के लगभग सभी कर्मचारी सूर्य ग्रह की कृपा से सफलता पाते हैं. सूर्य कामकाज में सटीकता देता है. निर्णय की स्पष्टता लाता है. समस्याओं को जल्द समझने की शक्ति प्रदान करता है.


सूर्य और गुरु के साथ चंद्रमा और बुध की शुभता का संयोग निश्चित ही व्यक्ति को बड़े और प्रतिष्ठित सेवा संस्थानों से जोड़ता है. चंद्रमा मन का कारक है. मन की प्रबलता सभी क्षेत्रो में आवश्यक होती है. बुध व्यवहारिकता और कौशल के गुण लाता है.


मंगल बल और साहस का कारक है. नौकरी पेशा लोगों के लिए अच्छे सकारात्मक मंगल का संयोग तेज सफलता और प्रमोशन का प्रतीक है. मंगल की शुभता से लोग जोखिम उठाते हैं और जगह बनाते हुए आगे बढ़ते हैं.