Sun Transit Rohini 2021 : सूर्य देव को ज्योतिष शास्त्र में सभी 9 ग्रहों का अधिपति माना गया है. यानि सूर्य देव सभी ग्रहों के राजा हैं. ज्योतिष में सूर्य को विशेष महत्व प्राप्त है. सूर्य को आत्मा, आत्मविश्वास और मान सम्मान का कारक माना गया है. सूर्य जब शुभ होते हैं तो व्यक्ति को जीवन में उच्च पद, सम्मान और लोकप्रियता प्राप्त होती है. इसलिए जीवन में सूर्य का शुभ होना अत्यंत आवश्यक माना गया है.


वृष राशि में सूर्य का गोचर
वर्तमान समय में सूर्य वृष राशि में विराजमान हैं. बीते 14 मई 2021 को सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर सूर्य वृष राशि में आए थे. वृष राशि के बाद सूर्य 15 जून 2021 को मिथुन राशि में चले जाएंगे.


सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन
बीते 25 मई को सूर्य कृतिका नक्षत्र से रोहिणी नक्षत्र में आए थे. सूर्य अब इस नक्षत्र में 8 जून तक रहेंगे. इस दिन ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रहेगी. चंद्रमा मेष राशि में रहेगा. मान्यता है कि जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में आते हैं तो पारा बढ़ने लगता है यानि गर्मी में तेज होने लगती है. सूर्य के इस नक्षत्र परिवर्तन को नैतापा कहा जाता है. नौतापा के अंर्तगत 9 दिनों तक गर्मी में वृद्धि होती है. इसके पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो नौतापा के दौरान सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं.


चंद्र ग्रहण के बाद नौतापा का आरंभ
सेहत की दृष्टि से नौताप को महत्वपूर्ण माना गया है. 25 को सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन और 26 मई को चंद्र ग्रहण का लगना, विशेष माना जा रहा है. चंद्र मन का कारक है. सूर्य आत्मा का कारक है. इस दौरान धर्म कर्म के कार्य करने चाहिए. इसके साथ ही सेहत के मामले में इन बातों का ध्यान रखें-
- पानी की कमी शरीर में न होनें.
- स्वच्छता के नियमों का पालन करें.
- मसालेदार और तैलीय पदार्थों का सेवन करें.
- पानी को उबाल कर पीएं.
- स्नान करने के बाद सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं.
- शरीर को शीतलता प्रदान करने वाली चीजों का सेवन करें.


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