नई दिल्ली: साल 2019 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण 20 और 21 जनवरी की दरम्यान लगने वाला  है. इसे सुपर ब्लड वोल्फ मून भी कहा जा रहा है. यह ग्रहण मध्य प्रशांत महासागर, उत्तरी/दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा.जबकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा.


इस ग्रहण के समय की बात करें तो भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण रात 8:07:34 से अगले दिन 13:07:03 बजे तक रहेगा. नासा की माने तो सुपर मून या फुल या न्यू मून पर चंद्रमा अन्य दिनों के मुकाबले धरती के सबसे करीब 3,63,000 किमी पर  होता है.


क्यों कहा जाता है ब्लड मून


नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ नोआह पेट्रो के मुताबिक सुपर मून पर चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी अधिक चमकदार होता है. इस दौरान चांद का रंग लाल तांबे जैसा नजर आता है, इसलिए इसे ब्लड मून भी कहा जाता है.


ग्रहण के दौरान चंद्रमा के रंग बदलने पर वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान सूरज की रोशनी धरती से होकर चंद्रमा पर पड़ती है. हमारे ग्रह की छाया पड़ने की वजह से चंद्रमा का रंग ग्रहण के दौरान बदल जाता है. बता दें कि वैज्ञानिकों का मानना है कि तीन खगोलीय घटनाओं के संयोग से बन रहे इस पूर्ण चंद्र ग्रहण की रात को आसमान में अद्भुत नजारे दिखाई देंगे.