नई दिल्ली: सूर्य ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक का समय शुरू हो चुका है. 25 दिसंबर से सूतक काल शुरू हो गया है. सूतक काल में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. सूतक काल में किन किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए आइए जानते हैं.


सूर्य ग्रहण आकाश में होने वाली प्रमुख खगोलीय घटना है सूर्य ग्रहण के दौरान आकाश में बड़ी मात्रा में ऊर्जा का हनन होता है जिसका प्रभाव पृथ्वी पर मौजूद इंसानों पर भी पड़ता है. 26 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है जो बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.  यह धनुराशि में पड़ रहा है. सभी 12 राशियों पर इस ग्रहण का असर देखा जाएगा. लेकिन जिन लोगों के लिए यह ग्रहण खराब असर लेकर आ रहा है उन्हें भी अधिक घबराने की जरूरत नहीं है.


सूर्य ग्रहण का असर सिर्फ सात दिनों तक ही रहता है. इसके बाद इसके प्रभाव खत्म हो जाते हैं. सूर्य ग्रहण का समय 26 दिसंबर को प्रात: 8 बजकर 17 मिनट से शुरू हो जाएगा. इस दौरान पूजा पाठ करना वर्जित हैं. मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं. 10 बजकर 57 मिनट पर सूर्य ग्रहण हट जाएगा. इसके बाद पूजा पाठ कर सकते हैं. जिन घरों में भगवान की मूर्ति प्रतिष्ठित हैं वहां पर मंदिरों के दरवाजों को बंद रखना चाहिए, ग्रहण के बाद ही मंदिरों के दरवाजे खोले जाने चाहिए.


इन बातों का रखें ध्यान


-    सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्रों का जाप करना चाहिए.
-    गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
-    सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए
-    ग्रहण के बाद नकारात्मक किरणों के असर से बचने के लिए नहाना चाहिए
-    सूर्य ग्रहण के बाद जो लोग दान कर सकते हैं उन्हें दान करना चाहिए
-    घर और मंदिर को अच्छे तरह से साफ करना चाहिए
-    सब्जियों और फलों को अच्छे ढंग से पानी से धो लें
-    खाने पीने की चीजों को खुले में नहीं रखना चाहिए.


सूर्य ग्रहण सारणी

सूर्य ग्रहण का दिन- 26 दिसंबर
समय: सुबह 8 बजकर 17 मिनट
सूतक लगने का दिन- 25 दिसंबर
ग्रहण का समय: 26 दिसंबर को सुबह 8:17 से 10:57 मिनट तक