Surya Grahan 2022 Live Updates: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है
Surya Grahan 2022 Live: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा.
सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है. ग्रहण की समाप्त होने के बाद गायत्री मंत्र का जाप उत्तम माना गया है. इस महामंत्र भी कहा गया है
गायत्री मंत्र-
ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
कुछ ही देर में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार रात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण को शुभ खगोलीय घटना के तौर पर नहीं देखा जाता है. पौराणिक मान्यता है कि पाप ग्रह राहु और केतु सूर्य पर हमला करते हैं. जिस कारण सूर्य पीड़ित हो जाते हैं और अपना शुभ प्रभाव नहीं दे पाते हैं. सूर्य एक तरह से पीड़ित हो जाते हैं. सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश-दुनिया के साथ सभी राशियों पर भी पड़ता है. साल का पहला सूर्य ग्रहण बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
- सूर्य ग्रहण के बाद घर के मन्दिर की मूर्तियों को स्नान कराएं और पूजा स्थल पर गंगाजल छिडकें.
- सूर्य ग्रहण के खत्म होने के बाद स्नान करें तत्पश्चात तिल, चने की दाल का दान करें.
- सूर्य ग्रहण के बाद अपने स्नान करें और फिर अपने आराध्य देव के दर्शन करें.
- सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद परिवार के सभी लोग स्नान करें. उसके बाद भगवान श्रीहरि विष्णु और माता तुलसी के नामों और मंत्रों का जाप करें.
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके तुलसी के पौधे में गंगाजल का छिड़काव करें.
- सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद प्रेग्नेंट महिलायें स्नान करें.
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव अवश्य करें.
- ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय भोजन या फिर पानी का सेवन नहीं करें.
- ग्रहण के दौरान नाखून काटना, बाल में कंघी करना और दातों की सफाई नहीं करना चाहिए.
- इस दौरान चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें.
- सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें. इससे आपकी रेटिना प्रभावित हो सकती है.
- सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं किसी भी नुकीली चीजों का प्रयोग तो कदापि न करें. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने पर उनके शिशु के अन्दर विकृति आ सकती है. इस समय वे किसी भी प्रकार की सिलाई-कढ़ाई का भी कोई कार्य न करें. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े की सिलाई करना और नुकीले या धारदार उपकरणों के काम से बचना चाहिए. इससे बच्चे को शारीरिक दोष हो सकता है.
- सूर्य ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करें.
- सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिला को स्नान जरूर करना चाहिए नहीं तो उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं
- इस दौरान गर्भवती महिलाओं को मानसिक जप करना चाहिए. इससे गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पढ़ता है.
सूर्यग्रहण की समाप्ति के बाद लोंगों को स्नान, ध्यान और पूजा करना चाहिए. उसके बाद मां लक्ष्मी को लाल रंग का पुष्प अर्पित कर उनकी पूजा करनी चाहिए. इसके बाद घर-परिवार में कृपा करने की प्रार्थना करें. इससे मां लक्ष्मी की कृपा से घर में धन की कमी नहीं होगी.
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों को इस दौरान मान हानि का शिकार होना पड़ सकता है. इस लिए कम बोलना या बहुत सोच समझकर बोलना उनके लिए सबसे उत्तम होगा. विवादों से सावधान रहें. शत्रु नुकसान पहुंचा सकते हैं. खर्च बढ़ेंगे.
कर्क राशि: कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है. इस समय चंद्रमा मेष में राहु के साथ मौजूद रहेंगे. यह स्थिति मेष राशि के जातकों में मानसिक तनाव पैदा कर सकती है. अज्ञात भय और नकारात्मकता हावी रहेगा. खर्चे बढ़ेंगे. इस समय जातकों को धैर्य बनाएं रखना चाहिए.
राहू के करीब आने से सूर्य जैसे बली ग्रह की शक्ति भी क्षीण हो जाती है। इसलिए सूर्य-राहू युति को विपरीत फलदायक माना जाता है. इससे मेष. कर्क और वृश्चिक राशि को नुक्सान होगा.
मेष राशि : यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए इस राशि के लोंगों पर सबसे अधिक असर रहेगा. इन जातकों को मानसिक तनाव रहेगा. शत्रु हावी हो सकते हैं. इस लिए सतर्क रहने की जरूरत है, नहीं तो वे नुकसान पहुंचाने से नहीं चूकेंगे. दुर्घटना की संभावना है. इसलिए जल्दबाजी करने से बचें. सूर्य ग्रहण के दौरान यात्रा से बचें.
यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. यह भारत में नहीं दिखाई देगा क्योंकि भारत के अनुसार यह सूर्य ग्रहण रात में लगेगा. मुख्य रूप से यह यह सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, अटलांटिका, दक्षिण और पश्चिम अमेरिका एवं अंटार्कटिका के क्षेत्रों में दिखाई देगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण लगने के समय से 12 घंटे पूर्व सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. परंतु इस साल का पहला सूर्य ग्रहण जो कि आज लगाने जा रहा है. भारत में नहीं दिखाई देगा. साथ ही यह भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा. इसके कारण इसका भौतिक प्रभाव नहीं पडेगा. हालांकि यह सूर्य ग्रहण वृष राशि में लग रहा है. ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कुछ राशियों पर शुभ और कुछ पर अशुभ प्रभाव पडेगा.
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आज लगाने जा रहा है. इसके मोक्ष का समय 01 मई दिन रविवार को प्रात: 04 बजकर 07 मिनट पर है. इस समय सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा. इसके बाद आप स्नानादि कर दान दें.
सूर्य ग्रहण 1 मई 2022 को प्रात: 04 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा. मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद माता महालक्ष्मी को लाल रंग का पुष्प अर्पित करना चाहिए और सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए. दान आदि देना भी शुभ फलदायी माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. इसलिए मेष राशि के लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. जिन लोगों का नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ अक्षर से आरंभ होता है, उसकी राशि मेष होती है.
- सूर्य ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करें.
- सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिला को स्नान जरूर करना चाहिए नहीं तो उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं
- इस दौरान गर्भवती महिलाओं को मानसिक जप करना चाहिए. इससे गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पढ़ता है.
कल लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक नहीं लगेगा. लेकिन फिर कुछ मामलों में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. ग्रहण के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए.
मेष राशि : यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा। इसलिए मेष राशि वाले लोंगों पर सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा. ये ग्रहण के दौरान यात्रा न करें तथा सजग और सावधान रहें.
कर्क राशि: कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है. इस समय चंद्रमा मेष में राहु के साथ रहेंगे. यह स्थिति कर्क राशि वालों को मानसिक तनाव पैदा कर सकती है.
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वालों पर भी इसका बुरा प्रभाव पडेगा. इसलिए इन्हें धैर्य पूर्वक रहना चाहिए.
पंचांग के अनुसार, 30 अप्रैल को शनिवार और वैशाख की अमावस्या भी है. अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है. शनिवार होने के कारण इस अमावस्या को शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या कहते है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने की परंपरा है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है. अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, ताकि उनकी आत्मा तृप्त रहे. शनि आमवस्या पर शनि देव की पूजा करते हैं, जिससे साढ़ेसाती और ढैय्या में राहत मिले.
- सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव की उपासना और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें. इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी.
- मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से इस मंत्र का फल कई गुणा बढ़ जाता है.
- जो लोग शनि की साढे साती और शनि की ढैय्या से परेशान हैं, वे सूर्य ग्रहण के दिन शनिदेव पर तेल चढ़ाएं.
- सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने के पहले और ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए. इससे सूर्य ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं लगता
सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 30 अप्रैल दिन शनिवार को देर रात 12 बजकर 15 मिनट से प्रारंभ होगा. तथा इसका समापन अगले दिन यानी 01 मई को सुबह 04 बजकर 07 मिनट पर होगा. वैसे भारत में यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. वैसे तो सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी के जीवन पर शुभ व अशुभ दोनों प्रकार से होगा. परंतु तीन राशियों मेष, वृषभ, व धनु पर इसका प्रभाव विशेष रूप से पडेगा.
बैकग्राउंड
Surya Grahan 2022 Live: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल, शनिवार को वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी है. इस दिन शनिवार है. जब शनिवार के दिन अमावस्या होती है तो हिंदू धर्म शास्त्र में इसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं.
शनिचरी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है और ऐसा माना जाता है कि शनिचरी अमावस्या के दिन नदियों में स्नान करके दान करना अति लाभकारी और पुण्यदायक होता है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन स्नान और दान पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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