Surya Grahan 2022: ज्योतिष शास्त्र में साल 2022 के पहले सूर्य ग्रहण का, शनिचरी अमावस्या के दिन होना एक प्रमुख खगोलीय घटना मानी जा रही है. हिंदू पंचांग व खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा. इस लिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. परंतु सूर्य ग्रहण और शनिश्चरी अमावस्या का एक ही दिन होना लोगों के जीवन पर बड़ा प्रभाव डालेगा. इस लिए इससे बचने के लिए ये उपाय जरूर करें.


सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय


ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती है और वे लोगों पर अपना प्रभाव डालती हैं. निम्नलिखित उपायों को करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है.



  1. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव की उपासना और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें. इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी.

  2. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से इस मंत्र का फल कई गुणा बढ़ जाता है.

  3. जो लोग शनि की साढे साती और शनि की ढैय्या से परेशान हैं, वे सूर्य ग्रहण के दिन शनिदेव पर तेल चढ़ाएं.

  4. सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने के पहले और ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए. इससे सूर्य ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं लगता

  5. सूर्य ग्रहण के दौरान रुद्राक्ष की माला से नवग्रह मंत्र का 108 बार जाप करने से ग्रहों का प्रभाव कम होता है.

  6. ग्रहण काल के बाद स्नान करें और साफ़ कपड़ा पहने. ग्रहण के समय जो कपड़े पहने रहते हैं वह अशुद्ध हो जाता है. इसलिए ग्रहण खत्म होते ही इसे बदल लेना चाहिए.



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