Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण को ना सिर्फ ज्योतिषीय और खगोलीय बल्कि धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. जब कभी भी सूर्य ग्रहण की घटना घटित होती है तो इसका प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव पर पड़ता है इस समय खंड में पृथ्वी पर ऐसा समय भी होता है जब प्रकृति एक अलग रूप में ही दिखाई देती है. सूर्य ग्रहण देखने में बहुत ही सुंदर लगता है लेकिन इसे नग्न आंखों से देखना नुकसानदायक हो सकता है. धार्मिक रूप से सूर्य ग्रहण को शुभ घटना नहीं माना जाता है क्योंकि इस समय सूर्य के ऊपर राहु का प्रभाव बढ़ जाता है और सूरज ग्रसित हो जाता है. 


सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है. यह आत्मा, जगत की इच्छा शक्ति, उपलब्धियों, आशाओं और पिता का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य ग्रहण के दौरान जब सूर्य ग्रसित होता है तो इसका प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. साल 2023 में भारत में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे. आइए जानते हैं इनका समय और देश-दुनिया पर इसके प्रभाव के बारे में.


साल का पहला सूर्य ग्रहण 


साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लगेगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहेगी. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगेगा. यह एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा. इसमें  सूर्य का एक रिंग यानी कि अंगूठी की तरह दिखाई देता है. इसे वलयाकार सूर्यग्रहण भी कहा जाता है. यह स्थिति बहुत कम समय के लिए होती है. साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा.


साल का दूसरा सूर्य ग्रहण


साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को शनिवार के दिन लगेगा. यह ग्रहण  कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा. यह ग्रहण रात में 8 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और मध्यरात्रि के बाद 2 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा. 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भी कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा. यह ग्रहण भी भारत में दृश्य मान नहीं होगा इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं होगा और ना ही इसका सूतक काल माना जाएगा.


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