Surya Grahan 2023: साल 2023 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगेगा. 20 अप्रैल 2023 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. ये हाइब्रिड सूर्य ग्रहण दुनिया के कई देशों में दिखाई देगा लेकिन भारत में इसका असर नहीं होगा. वहीं साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 को बुद्ध पूर्णिमा (वैशाख पूर्णिमा) पर लगेगा. ग्रहण को शास्त्रों में अशुभ माना गया है. कहते हैं कि चंद्र-सूर्य ग्रहण और सूतक काल के दौरान कुछ खास नियमों का पालन जरुर करना चाहिए नहीं तो ग्रहण के निकलने वाली किरणों का सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आइए जानते हैं ग्रहण के समय खाना बनाने और खाने के क्या है नियम.


सूर्य ग्रहण और सूतक में भोजन क्यों नहीं बनाते और खात है ? (Surya Grahan Eating Rules)


धर्म के अनुसार राहु-केतु जब सूर्य को ग्रसित करते हैं तो सूर्य ग्रहण लगता है. जहां ग्रहण दिखाई देता है वहां इन पाप ग्रहों के कारण सूर्य से निकलने वाली किरणे हानिकारक हो जाती है. इसकी वजह से खाने-पीने की चीजें भी अपवित्र हो जाती है. चूंकी शास्त्रों, विज्ञान और आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी और बहुत पवित्र माना गया है. इसलिए ग्रहण वाले दिन सूतक से पहले खाने और तरल पर्दार्थ में तुलसी डाली जाती है, ताकी पवित्रता बनी रहे.



सूर्य ग्रहण और सूतक काल में खाना खाने से क्या होता है ?


भारत में सूर्य ग्रहण को लेकर काफी धार्मिक मान्यताएं हैं. धार्मिक की मान्यताओं के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण के वक्त भोजन पकाना और खाना नहीं करना चाहिए. पुराणों में माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दौरान अन्न खाता है उसे नरक की यातनाएं भोगनी पड़ती है, साथ ही सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं.


ग्रहण में क्या खा सकते हैं?


वैसे तो ग्रहण में भोजन करना वर्जित है लेकिन बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ग्रहण और सूतक काल में खाने की छूट है लेकिन खाने से पहले इसमें तुलसी पत्र जरुर डालें.


विज्ञान की दृष्टि से जानें क्यों लगता है सूर्य ग्रहण ?


जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती हैं. वहीं चंद्रमा की वजह से जब सूर्य ढकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं. इसके अलावा जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं, जबकि सूर्य जब कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं.


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