Surya Grahan 2024: साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) 02 अक्टूबर 2024 को लगेगा. पंचांग (Panchang) के अनुसार इस दिन आश्विन अमावस्या (Amavasya 2024) रहेगी. इसी दिन महालया (Mahalaya 2024) रहेगी और पितृपक्ष (Pitru Paksha) का आखिरी श्राद्ध भी किया जाएगा.
हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक (Sutak) भी मान्य नहीं होगा. धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को अशुभ माना जाता है. इसलिए इस समय धार्मिक अनुष्ठान और शुभ-मांगलिक कार्य करना वर्जित माने जाते हैं. इसके अलावा बाहर निकलने, खाना पकाने, खाने, सोने जैसे आदि कार्य भी ग्रहण के दौरान करने की सख्त मनाही होती है.
बात करें सूर्य ग्रहण की तो ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) की अपेक्षा अधिक होता है. इसलिए चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लगता है तो वहीं सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है. सूतक काल (Sutak Timing) शुरू होते ही पूजा-पाठ नहीं किए जाते, देवी-देवताओं की मूर्ति स्पर्श नहीं की जाती और यहां तक की मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं.
लेकिन क्या सूर्य ग्रहण के दौरान हम सूर्य देव की पूजा कर सकते हैं. यदि हां तो कैसे? आइये जानते हैं-
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव (Surya Dev) समेत किसी भी देवी-देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए.
- लेकिन आप इस समय सूर्य देव के बीज मंत्र 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' का जाप कर सकते हैं. इसमें कोई दोष नहीं है.
- इसके साथ ही आप सूर्य स्त्रोत पाठ, सूर्याष्टक स्तोत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra) का पाठ भी ग्रहण काल में कर सकते हैं.
- सूर्य ग्रहण के समय आप सूर्य देव के 108 नामों का भी जाप कर सकते हैं. बता दें कि ग्रहण के समय धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ की मनाही होती है. लेकिन मंत्रों का जाप (Mantra Jaap) या ईश्वर का ध्यान इस समय किया जा सकता है.
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