Taimur: ‘तैमूर लंग’ ने भारत में खेली थी हिंदुओं के साथ मौत की होली, मेरठ में मारे थे 30 हज़ार हिंदू!
Taimur: तैमूर जिसे 'तैमूर लंग, 'तिमूर' या 'तीमूर' भी कहते हैं, चौदहवी शताब्दी का एक शासक था जिसने तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी. तैमूर के जुल्मों की कहानी इतिहास में प्रसिद्ध है.
Taimur: तैमूर की आज चर्चा हो रही है. तैमूर कौन था? इतिहास के पन्नों में इसे ऐसे बदशाह के तौर पर पेश किया है जिसने भारत में हिंदुओं पर बड़े जुल्म किए उन्हें मौत के घाट उतारा. दिल्ली-मेरठ में मौत का नंगा नाच किया. तैमूर का जन्म सन् 1336 में ट्रांस-आक्सियाना, ट्रांस आमू और सर नदियों के बीच का प्रदेश, मावराउन्नहर, में केश या शहर-ए-सब्ज नामक स्थान में हुआ था. तैमूर एक मुगल शासक था.
इतिहासकार मानते हैं कि चग़ताई मंगोलों के खान, 'तैमूर लंगड़े' का एक ही सपना था. वो यह कि अपने पूर्वज चंगेज़ खान की तरह ही वह पूरे यूरोप और एशिया को अपने वश में कर ले. लेकिन चंगेज़ खान जहां पूरी दुनिया को एक ही साम्राज्य से बांधना चाहता था, तैमूर का इरादा सिर्फ़ लोगों पर धौंस जमाना था. तैमूर लोगों का कत्ल करके खुद को महान बनाने का सपना देखता था. उसके जुल्मों की कहानी किसी से छिपी नहीं है.
'तैमूर ने खेली भारत में हिंदुओं के खून से होली'
भारत (Bharat) को उस समय सोने की चिड़िया (Golden Bird) कहा जाता था. भारत बहुत अमीर देश था. तभी तैमूर (Taimur) ने सोचा की कैसे वो भारत की राजधानी (Capital) दिल्ली (Delhi) में लूट करके अमीर बन सकता है. उसका विचार था कि दिल्ली पर हमला करके उसके हाथ कुछ कीमती चीज लग सकती है. उस वक्त दिल्ली (Delhi) के शाह नसीरूद्दीन महमूद के पास हाथियों की एक बड़ी फ़ौज थी, कहा जाता है कि उसके सामने कोई टिक नहीं पाता था.
तैमूर ने कहा, बस थोड़े ही दिनों की बात है अगर ज़्यादा मुश्किल पड़ी तो वापस आ जाएंगे. मंगोलों की फ़ौज सिंधु नदी पार करके भारत में घुस आई. रास्ते में उन्होंने असपंदी नाम के गांव के पास पड़ाव डाला. तैमूर (Taimur) ने लोगों के घर जला दिए और जो रास्ते में मिलता जाए उसको जान से मारने का आदेश दे दिया. इस तरह दिल्ली, पानीपत और हरियाणा में तैमूर ने हिंदुओं पर अत्याचार किया.
रास्ते में लोनी के क़िले से राजपूतों ने तैमूर को रोकने की नाकाम कोशिश की. अब तक तैमूर (Taimur) के पास कोई एक लाख हिंदू (Hindu) बंदी थे. दिल्ली पर चढ़ाई करने से पहले उसने इन सभी को क़त्ल करने का आदेश दिया. तैमूर के लिए लूटपाट और कत्ल बहुत छोटी बातें थी. वह खुलेआम लोगों का कत्ल करवा देता था.
अगले दिन दिल्ली पर हमला कर नसीरूद्दीन महमूद को आसानी से हरा दिया गया. महमूद डर कर दिल्ली छोड़ जंगलों में छिप गया. दिल्ली में जश्न मनाते
हुए तैमूर(Taimur) की सेना ने कुछ औरतों को छेड़ा तो उसके विरोध में जो लोग खड़े हुए तैमूर ने उन्हें भी जान से मारने का आदेश दे दिया. फिर तैमूर दिल्ली छोड़कर उज़्बेकिस्तान (Uzbaikistan) की तरफ़ रवाना हुआ.
रास्ते में मेरठ (Merrut) के किलेदार इलियास को हराकर तैमूर ने मेरठ में भी तकरीबन 30 हज़ार हिंदुओं को मारा. यह सब करने में उसे महज़ तीन महीने लगे. इस बीच वह दिल्ली में केवल 15 दिन रहा.