Vrishabha Lagna 2021: लग्न यानि जन्म कुंडली का प्रथम भाव. कुंडली के प्रथम भाव में जो राशि मौजूद रहती है वही व्यक्ति का लग्न कहलाता है. लग्न से व्यक्ति के स्वभाव के बारे में पता चलता है. आज हम बात करेंगे वृषभ लग्न के बारे में-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृष राशि को द्वितीय राशि माना गया है. इस राशि का स्वभाव स्थिर माना गया है. यानि वृषभ लग्न में जन्म लेने वाले जातकों को आकर्षित करना अन्य राशियों के मुकाबले कठिन होता है. वृषभ को सौम्य प्रकृति की स्त्री सूचक राशि माना गया है. वृषभ राशि पृथ्वी तत्व और इसकी दिशा दक्षिण है. वैदिक ज्योतिष में वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह को बताया गया है.
वृषभ लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वार्थपूर्ण, विवेकपूर्ण, परिश्रमी और सांसारिक विषयों के अच्छे जानकार होते हैं.वृष लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति भाग्यशाली, धनी, सुखी और यशस्वी होते हैं. इनका दृष्टिकोण स्पष्ट होता, जिस कारण इन्हें कभी कभी परेशानी भी उठानी पड़ती है. वृषभ राशि का चिन्ह दोनों ओर विशाल सींग वाला बैल है. वृष लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति का मुंह गोल, गर्दन छोटी व मोटी और जंघा मजबूत होती है. कन्धे बलशाली और उन्नत तथा हाथ छोटे और गठीले होते हैं. वृष लग्न वाले जातकों को संगीत, वस्त्राभूषण, गैजेट और पर्यटन करना अच्छा लगता है. इस लग्न में जन्म लेने वाली स्त्रियां सुंदर और बड़ी आंखों वाली होती हैं.
परेशानी आने पर जल्द घबरा जाते हैं
वृष लग्न वाले जातक बेहत लगनशील होते हैं. ये किसी कार्य को करने की ठान लेते हैं तो पूरा करने के बाद ही दम लेते हैं. ऐसा इनका स्वभाव होता है. जिस कारण इनमें जिद्द और अहंकार की भावना भी आ जाती है. वृष लग्न वाले व्यक्ति जल्दी अपनी गलती स्वीकार नहीं करते हैं. इन्हें क्रोध भी जल्दी आता है. वृषभ लग्न के व्यक्तियों में सहनशीलता बहुत कम होती है, जिस कारण परेशानी आने पर ये बहुत जल्दी घबरा जाते हैं. संबंध बनाने में ऐसे लोग कुशल होते हैं. संबंध बहुत सोच समझकर ही बनाते हैं. हर किसी पर भरोसा करने में इन्हें परेशानी होती हैं. अंजान लोगों के बीच स्वयं को असहज महससू करने लगते हैं. ये अपने कार्यों को चुपचाप करने पर अधिक विश्वास करते हैं. वृषभ लग्न वाले आसानी से किसी का भरोसा नहीं तोड़ते हैं. ये वादे के पक्के होते हैं.
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