Mangal Gochar 2021: वृषभ राशि में मंगल ग्रह का प्रवेश हो चुका है. पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार मंगल ग्रह 22 फरवरी को सुबह 5 बजकर 02 मिनट पर मेष राशि से निकल कर वृष राशि में आ चुके हैं. मंगल का राशि परिवर्तन सभी राशियों को प्रभावित करेगा, लेकिन यह राशि परिवर्तन वृष राशि में हुआ है तो इसका सबसे अधिक प्रभाव वृष राशि पर देखा जाएगा. वृषभ राशि में मंगल 24 अप्रैल तक रहेंगे. मंगल ग्रह वृष राशि में अपनी यात्रा पूर्ण करने के बाद मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे.
मंगल किस राशि में उच्च और नीच के होते हैं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं और मकर राशि में ये उच्च तथा कर्क राशि में इन्हें नीच का माना गया है. इसके साथ ही मंगल की सूर्य, गुरू और चंद्रमा के साथ इनकी मित्रता है. जबकि मंगल की बुध से नहीं बनती है. शनि और शुक्र ग्रह के साथ इनका सम रिश्ता है.
मंगल ग्रह किन चीजों के कारक हैं
मंगल ग्रह को अग्नि तत्व का ग्रह माना गया है. इसका स्थान दक्षिण दिशा और ऋतु गर्मी है. इसके साथ ही मंगल लाल रंग, पीतल और मूंगा आदि के कारक माने गए हैं.
मंगल प्रधान व्यक्ति साहसी होता है
मंगल शुभ होने पर व्यक्ति को निडर और साहसी बनाता है. ऐसे लोग जोखिम उठाने से पीछे नहीं हटते हैं. ये चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते है. मंगल शुभ होने पर व्यक्ति को सेना या पुलिस में उच्च अधिकारी भी बनाता है.
वृषभ राशि में मंगल के गोचर का फल
वृषभ राशि वालों के लिए कुछ मामलों में मंगल परेशानी प्रदान करने जा रहे हैं. मंगल के शुभ-अशुभ फल जन्म कुंडली में बैठे अन्य ग्रहों से भी तय होता है. शुभ ग्रहों की दृष्टि से मंगल की अशुभता में कमी आती है.
मंगल और राहु की युति
ज्योतिष शास्त्र में जिन अशुभ योगों के बारे में बताया गया है उसमें से एक योग अंगारक योग भी है. इस योग से हिंसक घटना और दुघर्टना आदि का भय बना रहता है. यह योग राहु और मंगल के संबंध से बनता है. इसलिए इस दौरान वृषभ राशि के जातकों को क्रोध आदि से बचने का प्रयास करना चाहिए. वाहन प्रयोग में भी सावधानी बरतनी चाहिए.
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