वास्तु शास्त्र हमारे घर के निर्माण, डिजाइन से जुड़ा है. वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन कर हम जीवन की विभिन्न समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. वास्तु शास्त्र में घर से जुड़ी हर वस्तु के लिए नियम बताए गए हैं. आज बात करेंगे घर के मुख्य द्वार की.


किसी भी घर के लिए उसका मुख्य द्वार बहुत महत्व रखता है. घर का दरवाजा ही परिवार की सुख, समृद्धि और शांति के द्वारा खोलता है. यदि मुख्य द्वारा का निर्माण करते वक्त वास्तु के नियमों का पालन नहीं किया गया तो इसक बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. आज हम आपको बता रहे हैं कि मुख्य द्वार को लेकर किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.




  • घर का मुख्य द्वारा बाहर की तरफ नहीं खुलना चाहिए. ऐसे दरवाजे की वजह से घर में फालतू खर्च बढ़ता है. घर का मुख्य द्वार हमेशा अंदर की ओर खुलना चाहिए.

  • घर का मुख्य द्वार बनावाते समय ध्यान रखें कि जमीन और दरवाजे के निचले भाग में थोड़ा सा फर्क होना चाहिए. अगर यह फर्क रहेगा तो दरवाजा खोलते समय रगड़ नहीं लगेगी. रगड़ लगकर दरवाजा खुलने से धन कमाने में बहुत संघर्ष करना पड़ता है.

  • मेन गेट समेत घर के किसी भई दरवाजे को खोलते वक्त या बंद होते वक्त आवाज नहीं होनी चाहिए.  बार-बार होने वाली आवाज से नकारात्मकता बढ़ती है. दरवाजों के जोड़ में तेल डालकर रखें. यदि किसी और कारण से दरवाजा आवाज कर रहा है तो उसकी तुरंत मरम्मत करवाएं.

  • मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें. मुख्य द्वार के सामने या आस-पास गंदगी या कबाड़ नहीं रखना चाहिए.

  • दरवाजे के सामने या कोने पर कड़ेदान नहीं रखना चाहिए. इससे पैसों से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

  • घर के मुख्य द्वार पर किसी प्रकार की छाया पड़ना अच्छा नहीं माना जाता है. इसी तरह मुख्य द्वारा के सामने कोई अवरोध नहीं होना चाहिए. इससे घर में आता है पैसा रुकता है.


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