हिंदू धर्म में स्वास्तिक का बहुत महत्व है. हिंदू धर्म की कोई भी पूजा स्वास्तिक के बिना नहीं हो सकती. हर पूजा-पाठ की शुरुआत स्वास्तिक का निशान बनाने से ही होती है. स्वास्तिक को शुभ और मंगल भावों का प्रतीक माना गया है.
स्वस्तिक शब्द को 'सु' एवं 'अस्ति' का मिश्रण योग माना जाता है. 'सु' का अर्थ है शुभ और 'अस्ति' का अर्थ है- होना अर्थात 'शुभ हो', 'कल्याण हो'. स्वस्तिक अर्थात कुशल एवं कल्याण.
स्वस्तिक का घर के वास्तु को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है. स्वस्तिक के प्रयोग से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है. हम आपको बता रहे हैं स्वास्तिक के उन उपायों के बारे में जिन्हें अपनाकर आपकी जिंदगी खुशहाल बन सकती है.
वास्तुदोष दूर करने के लिए स्वास्तिक के उपाय
सभी तरह के वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ अष्ट धातु और ऊपर मध्य में तांबे का स्वस्तिक लगाना चाहिए. इसके अलावा पंच धातु का स्वस्तिक बनवा के प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद चौखट पर लगवाना भी बहुत असरदार है.
व्यापार में कायमाबी के लिए उपाय
सात गुरुवार को ईशान कोण को गंगाजल से धो लें और वहां सुखी हल्दी से स्वस्तिक बनाएं और उसकी पंचोपचार पूजा करें. इसके बाद वहां आधा तोला गुड़ का भोग लगाएं. वहीं वर्क प्लेस पर उत्तर दिशा में हल्दी का स्वस्तिक बनाना भी बहुत शुभ होता है.
हर मनोकामना होगी पूर्ण
अगर आप चाहते हैं कि आपकी हर मनोकामना पूरी हो तो स्वास्तिक का यह उपाय अपनाएं. देव स्थान पर स्वस्तिक बनाएं और उसके ऊपर पंच धान्य या दीपक जलाकर रखें. इसका चमत्कारिक असर होगा और आपकी मनोकामना पूर्ण होगी.
नींद अच्छी आने के लिए उपाय
यह समस्या काफी लोगों को होती है कि रात में नींद ठीक ढंग से नहीं आती है और आप बेचेन रहते हैं. अगर आप इसे दूर करना चाहते हैं तो सोने से पूर्व स्वस्तिक को तर्जनी से बनाकर सो जाएं. इस उपाय से नींद अच्छी आएगी.
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