Guruwar Importance: भाग्य को जगाने वाला वार है ‘गुरु’, जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें
Guruwar Importance: हिंदू धर्म में गुरुवार (Thursday) के दिन का विशेष महत्व होता है. गुरुवार का संबंध विज्ञान, ग्रह, पूजा, व्रत, मांगलिक कार्य, कुंडली, भाग्य, दिशा शूल और काल आदि से जुड़ा होता है.
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Guruwar Importance: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने लिए जिस तरह से शुभ समय, तिथि, योग और नक्षत्र आदि देखे जाते हैं. ठीक इसी तरह से शुभ कार्यों के लिए शुभ वार यानी दिन का भी महत्व होता है. मान्यता है कि शुभ वार में किए गए काम सफल और संपन्न होते हैं.
बात करें गुरुवार की तो धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन को बहुत उत्तम माना जाता है. पूजा पाठ के लिए यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. साथ ही यह दिन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी लाभकारी होता है. लेकिन इसी के साथ गुरुवार के दिन से कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें जुड़ी हैं, जो आपको जरूर जाननी चाहिए.
गुरु से जुड़ी रोचक बातें
- गुरु और विज्ञान: गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह (Jupiter) से जुड़ा है. सौरमंडल में सूर्य के बाद अगर कोई बड़ा ग्रह है तो वह गुरु ग्रह है. विज्ञान के अनुसार गुरु ग्रह का व्यास लगभग डेढ़ लाख किलोमीटर है. वहीं सूर्य से इसकी दूरी लगभग 77 करोड़ 80 लाख किलोमीटर है. गुरु ग्रह इतना बड़ा है कि इसमें एक दो नहीं बल्कि लगभग 1300 धरतियां रखी जा सकती हैं.
- नवग्रहों में श्रेष्ठ है गुरु: ज्योतिष में नवग्रहों में गुरु को सबसे श्रेष्ठ माना गया है. इसलिए इसे गुरु की उपाधि मिली है. यह धनु और मीन राशि के स्वामी और सूर्य, मंगल, चंद्रमा के मित्र ग्रह कहलाते हैं. वहीं शुक्र और बुध शत्रु ग्रह तो शनि और राहु सम ग्रह हैं. कहा जाता है कि, कुंडली में गुरु जब चंद्रमा के साथ मिलते हैं तो इसकी शक्ति और बढ़ जाती है वहीं अगर गुरु मंगल के साथ मिले तो इसकी शक्ति दोगुनी हो जाती है. सूर्य ग्रह के साथ से गुरु के मिलने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
- गुरु के अस्त होते ही नहीं होते शुभ काम: गुरु का संबंध मांगलिक कार्यों से भी होता है. इसलिए तो गुरु ग्रह के अस्त होने के बाद हिंदू धर्म में कोई मांगलित कार्य नहीं होते हैं. क्योंकि गुरु से ही मंगल है. गुरु के उदित होने के बाद फिर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.
- गुरु के प्रतीक: ज्योतिष के अनुसार सोना, हल्दी, पीला चंदन, पीपल, पीला रंग, चने की दाल, पीले पुष्प, केसर, गुरु, पिता, पुरोहित, विद्या और पूजा आदि को गुरुवार यानी गुरु ग्रह का प्रतीक माना गया है.
भाग्य को जगाने वाला वार है ‘गुरुवार’
गुरुवार के दिन को भाग्य जगाने वाला माना गया है. इस दिन के प्रभाव से बंद भाग्य के द्वार भी खुल जाते हैं. इसलिए कुंडली में गुरु ग्रह का मजबूत होना आवश्यक होता है. अगर कुंडली में गुरु कमजोर है या फिर शुक्र, बुध या राहु के साथ है तो गुरुवार का व्रत करना चाहिए और बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए. गुरुवार का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है, शीघ्र विवाह के योग बनते हैं, लंबी आयु होती है और भाग्योदय होता है.
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