Jupiter In Aquarius : पंचांग के अनुसार 15 जुलाई, गुरुवार को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह को मजबूत बनाने के लिए उत्तम दिन माना जाता है. पौराणिक मान्यतओं के अनुसार गुरुवार को दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है. भगवान विष्णु की पूजा करने से बृहस्पति ग्रह की अशुभता दूर होती है.


15 जुलाई, गुरुवार को बन रहा है विशेष संयोग
15 जुलाई 2021, गुरुवार को पंचमी की तिथि का समापन प्रात: 07 बजकर 18 मिनट पर होगा. इसके बाद आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि आरंभ होगी. आषाढ़ शुक्ल की षष्ठी की तिथि स्कंद षष्ठी के नाम से जाना जाता है.


स्कंद षष्ठी का महत्व
स्कंद षष्ठी पर स्कंद देव की पूजा की जाती है. स्कन्द देव, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं, और गणेश जी के छोटे भाई हैं. तमिल शास्त्रों में भगवान स्कंद को मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य भी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर स्कंद भगवान की पूजा की जाती है. भगवान स्कंद की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. 


गुरू वक्री 2021 (Guru Vakri 2021)
स्कंद षष्ठी की तिथि पर देव गुरु बृहस्पति की पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है. वर्तमान समय में गुरु यानि बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में गोचर कर रहा है. गुरू की भूमिका ज्योतिष शास्त्र के अंर्तगत जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है. गुरू के शुभ होने पर व्यक्ति को ज्ञानी, विद्वान, प्रबुद्ध होता है. इसके साथ ही जीवन में उसे उच्च पद प्राप्त होते हैं, मान सम्मान भी बना रहता है और धन के मामले में भाग्यशाली होती है. वहीं जब गुरू अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को जॉब, बिजनेस, विवाह, संतान, सेहत और शिक्षा आदि के क्षेत्र में हानि होती है. वर्तमान समय में कुंभ राशि में गुरू वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं. इस दिन इन मंत्रो का जाप करने से लाभ मिलता है.


गुरू का मंत्र (Guru Mantra)
-ॐ बृं बृहस्पतये नमः.
-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः.


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