Guru Nakshatra Parivartan 2024: ज्योतिष (Jyotis) के अनुसार सभी 9 ग्रहों में देवगुरु बृहस्पति (Dev Guru Brihaspati) का महत्वपूर्ण स्थान है. इसलिए इस ग्रह का राशि परिवर्तन या नक्षत्र परिवर्तन (Nakshatra Parivartan) खास होता है. ऐसे में जब गुरु रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में आ चुके हैं तो कैसा प्रभाव पड़ेगा, यह जानना जरूरी है.


जब किसी ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन होता है तो उस नक्षत्र के बारे में जानना ज्यादा जरूरी हो जाता है. रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र है. ऋषि मुनि रोहिणी नक्षत्र को ब्रह्मा का निवास स्थान मानते थे. वहीं देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान-बुद्धि, विवेक, शिक्षा, सुख,धार्मिक कार्य, धन और भाग्य आदि का कारक ग्रह कहा जाता है


रोहिणी नक्षत्र में देवगुरु ने किया प्रवेश (Jupiter In Rohini Nakshatr 2024)


देवगुरु बृहस्पति आज यानी 13 जून सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं. गुरु दो पद (Phase) में लगभग सवा सात महीने तक इसी नक्षत्र में रहेंगे. 13 जून को गुरु रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर 21 अगस्त तक यानी लगभग 9 हफ्ते तक इसी में रहेंगे. फिर दूसरे पद में 28 नवंबर को वक्री होकर वापस इसी नक्षत्र में आएंगे और यहां 11 अप्रैल 2025 तक रहेंगे.


देवगुरु का नक्षत्र परिवर्तन किन क्षेत्रों को देगा लाभ (Which areas will benefit from Jupiter In Rohini Nakshatra)


देवगुरु के रोहिणी नक्षत्र में आने से बैंकिंग एंड फाइनेंस, एग्रीकल्चर से जुड़े क्षेत्र, लॉजिस्टिक्स एंड ट्रांसपोर्ट, सी ट्रांसपोर्टेशन, रोड ट्रांसपोर्ट, रेलवे और एयरपोर्ट नेटवर्क, होटल इंडस्ट्री, टूरिज्म, ऑटोमोबिल इंडस्ट्री, फूड डिस्ट्रीब्यूशन, फूड पैकेजिंग, फूड प्रोसेसिंग,जेम्स एंड ज्वेलरी आदि जैसे क्षेत्रों में वृद्धि होगी.


बृहस्पति के रोहिणी नक्षत्र में कौन सी तिथियां महत्वपूर्ण (Jupiter In Rohini Nakshatra Important Dates)



  • देवगुरु बृहस्पति दो पद यानी फेज में रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे. सबसे पहले गुरु 13 जून से 27 जून 2024 तक रोहिणी के पहले पद यानी मेष नवमांश में होंगे. इस समय लोगों को संयम बरतने की जरूरत है.

  • 28 जून से 13 जुलाई 2024 तक गुरु रोहिणी के दूसरे पद यानी वृषभ नवमांश में रहेंगे. इस दौरान व्यक्ति अपनी सूझबूझ से धन अर्जित करने में सक्षम रहेंगे और मान-सम्मान में वृद्धि होगी.

  • 14 जुलाई से 30 जुलाई 2024 तक देवगुरु रोहिणी के तीसरे पद यानी मिथुन नवमांश में रहेंगे. यह बुध का नवमांश है. इस समय लोगों के बुद्धि में बढ़ोतरी होगी और धन-बुद्धि की प्राप्ति होगी.

  • 31 जुलाई से 21 अगस्त 2024 तक रोहिणी के चौथे पद कर्क नवमांश में होंगे. यहां गुरु में मातृत्व भाव आएगा और परिवार की सुरक्षा के प्रति आपकी चिंता बढ़ेती, लंबी या छोटी यात्रा के योग बनेंगे. धन सामान्य रहेगा.

  • 21 अगस्त 2024 के बाद गुरु मृगशिरा नक्षत्र में चले जाएंगे और जब वे वक्री होंगे तब 28 नवंबर को वापिस रोहिणी नक्षत्र के चौथे पद और फिर तीसरे पद में आएंगे. तीसरे और चौथे पद के बीच में 28 नवंबर–11 अप्रैल 2025 तक गुरु रोहिणी नक्षत्र में रहकर तीसरे और चौथे पद से संबंधित फल प्रदान करते रहेंगे.


गुरु नक्षत्र परिवर्तन के दौरान इन उपायों को करें (Jupiter In Rohini Nakshatra Simple Remedies)


प्रतिदिन ऊं नम: शिवाय मंत्र की एक माला जाप करना लाभकारी रहेगा.


‘ऊँ हराय नम:। ऊँ महेश्वराय नम:। ऊँ पिनाकधृते नम:। ऊँ शंकराय नम:। ऊँ पशुपतये नम:। ऊँ शिवाय नम:। ऊँ महादेवाय नम:।’ इस मंत्र जाप का शिवालय में जाकर या घर पर शिवजी के सामने करें.


गर्भवती महिला की सहायता करें, जीवनसाथी का सम्मान करें, पेड़-पौधे लगाएं, गुड़ या धार्मिक पुस्तकों का दान करें, विद्यार्थियों की मदद करें. गौशाल में सेवा करें या कुछ धनराशि दान करें. इससे रोहिणी नक्षत्र में गुरु के आने से आपको लाभ मिलेगा.


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