Guru Vakri Effects: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है. यह धनु और मीन राशि के स्वामी माने जाते हैं. कर्क इनकी उच्च जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है. देवगुरु बृहस्‍पति 1 साल में राशि परिवर्तन करते हैं. गुरु ग्रह 4 सितंबर को मेष राशि में वक्री हुए हैं. गुरु ये वक्री अवस्था 31 दिसंबर तक रहेगी. 12 साल बाद मेष राशि में गुरु की उल्‍टी चाल का लाभ कई राशियों को मिलने वाला है. जानते हैं इन राशियों के बारे में.


मेष राशि (Aries)


मेष राशि के जातकों के लिए वक्री गुरु बहुत लाभदायक रहने वाले हैं. इस राशि के जातक इस दौरान कुछ महत्‍वपूर्ण फैसले लेंगे जो उनके पक्ष में रहेंगे. मेष राशि में गुरु की उल्टी चाल से मेष राशि वालों को विशेष धन लाभ होगा. आपको पैकृक संपत्ति से फायदा होगा और जीवन में ढेरों खुशियां आएंगी. आपक सोच सकारात्‍मक रहेगी. यह समय आपको पद-प्रतिष्‍ठा दिलाएगा.



मिथुन राशि (Gemini)


मिथुन राशि के जातकों को गुरु की वक्री अवस्था शुभ फल देगी. आपको नई नौकरी के ऑफर मिल सकते हैं. गुरु के शुभ प्रभाव से आपके प्रमोशन के योग भी बन रहे हैं. आपकी आय भी बढ़ सकती है. आप अपने सामाजिक जीवन में बहुत सक्रिय रहेंगे जिसका आपको लाभ मिलेगा. आपके व्‍यापार का विस्‍तार होगा. छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी. 


कर्क राशि (Cancer)


गुरु की उल्‍टी चाल से कर्क राशि वालों को संपत्ति का लाभ होगा. आपको अचानक कहीं से पैसा भी मिल सकता है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी. नौकरी करने वाले लोगों को इसके शुभ प्रभाव से नई नौकरी मिल सकती है. आपको कोई शुभ समाचार भी मिलेगा. 


कुंभ राशि (Aquarius)


कुंभ राशि वालों को गुरु की उल्‍टी चाल शुभ फल देने वाली है. ऑफिस में आपका प्रदर्शन बेहतर होगा. आपके अधिकारी आपके काम की सराहना करेंगे जिससे आपका आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा. इस दौरान आप जो भी काम करेंगे उसमें आपको सफलता मिलेगी. आपको रुका हुआ पैसा मिलेगा. 


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