Mangal Gochar 2024: ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह 20 अक्तूबर को मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क चंद्रमा की राशि है और यह मंगल देव की नीच राशि मानी जाती है. जबकि मकर राशि में ये उच्च के माने जाते हैं. मंगल ग्रह कर्क और सिंह राशि में अधिक शुभ फल देते हैं. मंगल ग्रह जिन्हें मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना गया है, वह 20 अक्तूबर को कर्क राशि में गोचर करेंगे.


इस दौरान मंगल और शनि एक दूसरे से छठे आठवें भाव में होकर षडाष्टक योग बनाएंगे. ऐसे में मंगल शनि के योग से दुनिया के विभिन्न देशों में हिंसक घटनाओ के होने की आशंका है. दुनिया के कई देशों के बीच चल रहे युद्ध से हाल और बेहाल होंगे. मंगल ग्रह भूमि, जमीन-जायदाद, प्रापर्टी, युद्ध, सेना, रक्त और क्रोध के कारक ग्रह माने जाते हैं. जब भी मंगल ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तो इनका विशेष प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है. कर्क राशि में मंगल ग्रह का गोचर करने से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलने के संकेत हैं. भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा और धन लाभ के मौके बनेंगे. 


वैदिक ज्योतिष में भूमि पुत्र मंगल को अग्नि का कारक कहा गया है इसलिए चन्द्रमा की राशि कर्क में जाकर वो नीच के हो जाते हैं. चन्द्रमा जल का कारक है और अग्नि जल का कोई मेल नहीं है इसलिए मंगल पूर्ण बलहीन होकर अपना कोई भी शुभ प्रभाव यहां नहीं देते हैं. मंगल के लिए कर्क राशि नीच राशि कहलाती है इसलिए मंगल का यह गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 


नवग्रहों में सेनापति का दर्जा मंगल को प्राप्त है. यह गोचर शीघ्रता से परिणाम देने वाला साबित होगा और देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में गति आएगी. मंगल के कारण प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. मंगल की वजह से दुर्घटना होने की आशंका है. देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश रहेगी. भूकंप या अन्य तरह से प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका है.


ग्रहों के सेनापति हैं मंगल
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को सभी ग्रहों का सेनापति होने का दर्जा प्राप्त है. मंगल मेष राशि और वृश्चिक राशि के स्वामी माने गए हैं. मकर राशि में मंगल उच्च के हो जाते हैं वहीं कर्क राशि में मंगल को नीच का माना जाता है. सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति से इनकी मित्रता है. बुध से मंगल की नहीं बनती है. जबकि शुक्र और शनि इनके सम संबंध हैं. मंगल देव पराक्रम, स्फूर्ति, साहस, आत्मविश्वास, धैर्य, देश प्रेम, बल, रक्त, महत्वकांक्षा एवं शस्त्र विद्या के अधिपति माने गए है. यहां आपको विशेष रूप से बताना चाहता हूं कि अग्नि तत्व होने से मंगल सभी प्राणियों को जीवन शक्ति देता है. यह प्रेरण, उत्साह एवं साहस का प्रेरक होता है. 


शुभ-अशुभ प्रभाव
प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड, भूकंप, गैस दुर्घटना, वायुयान दुर्घटना होने की संभावना.  पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी. आय में बढ़ोतरी होगी. देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. मंगल-शनि षडाष्टक योग के कारण दुर्घटनाएं, आगजनी, आतंक और तनाव होने की संभावना. आंदोलन, धरना प्रदर्शन, हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होगा.


उपाय
मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए. तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए. लाल कपड़ों का दान करें. मसूर की दाल का दान करें. शहद खाकर घर से निकलें. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं.


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