Rahu Ketu Transit 2023: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह-नक्षत्रों का विशेष महत्व माना गया है. ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार हर ग्रह निश्चित समय पर राशि परिवर्तन करता है, जिसे गोचर कहा जाता है. ग्रहों के गोचर या राशि परिवर्तन का जातकों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष में नवग्रहों को प्रमुख स्थान दिया गया है. इसमें सूर्य, चंद्रमा, बुध, मंगल, शुक्र, शनि और बृहस्पति ये सात ग्रह पूर्ण ग्रह माने जाते हैं और दो ग्रह छाया ग्रह कहलाते हैं, जिनमें पहला है राहु और दूसरा है केतु. यहो दोनों ग्रह जल्द ही अपनी राशि बदलने वाले हैं.


राहु-केतु हैं पापी ग्रह


धार्मिक दृष्टिकोण से राहु और केतु दोनों को ही पापी ग्रह माना जाता है.  राहु एक धुएं के समान है जो व्यक्ति के जीवन में भ्रम फैलाने का काम करता है. राहु छल करने वाला और बहुत जल्दी रूप बदलने वाला माना जाता है.  यह व्यक्ति को भ्रमित करने का करता है. यह तत्काल प्रभाव देने वाला ग्रह है. यह रातों-रात व्यक्ति को अमीर और गरीब बना सकता है. जिन लोगों पर राहु का प्रभाव अधिक होता है, वे ख्याली पुलाव पकाने वाले और दिवास्वप्न देखने वाले होते हैं. यह जातक को व्यसनों की ओर भी ले जाता है. किसी तरह की बुरी लत, अवैध गतिविधियां, जुआ, नशा, आदि राहु के प्रभाव से होती हैं.



वहीं केतु को भी ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही रहस्य में ग्रह माना गया है. हालांकि केतु के अंदर राहु की तरह राक्षसी गुण नहीं हैं. इस ग्रह को जीवन में विरक्ति का कारक माना जाता है. केतु ग्रह को धार्मिक ग्रह भी कहा जाता है. विशेष परिस्थितियों में कुंडली में स्थित होने पर यह मोक्ष प्रदान करने वाला ग्रह भी माना गया है. केतु एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति को उसके पूर्व जन्म के कर्मों का भी आभास कराता है.  केतु एक धर्म प्रधान और कर्म प्रधान ग्रह है जो अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के फल प्रदान करता है. केतु अनुकूल न हो तो व्यक्ति भ्रामक स्थिति में भी जा सकता है.


राहु-केतु का गोचर (Rahu Ketu Transit 2023)


1 नवंबर को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा. राहु और केतु उससे ठीक एक दिन पहले राशि परिवर्तन कर रहे हैं. राहु भी शनि की तरह धीमी चाल चलता है. राहु हमेशा वक्री चाल चलता है और लगभग डेढ़ वर्ष की अवधि में यह अपनी राशि बदलता है. राहु महाराज अभी मेष राशि में हैं और वो 30 अक्टूबर को गोचर करेंगे. राहु 30 अक्टूबर की दोपहर 2:13 बजे अपनी वक्री चाल चलते हुए मेष राशि से निकलकर देव गुरु के अधीन आने वाली मीन राशि में प्रवेश करेंगे.


राहु भी एक राशि में लगभग डेढ़ वर्ष तक विराजमान रहकर उसके बाद गोचर करते हैं. केतु 30 अक्टूबर, 2023 को दोपहर 14:13 बजे शुक्र ग्रह के प्रतिनिधित्व वाली तुला राशि से बाहर निकल कर बुध ग्रह के स्वामित्व वाली कन्या राशि में गोचर करेगा. राहु-केतु के गोचर से कुछ राशि के लोगों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है.


इन राशियों को रहना होगा सावधान


राहु-केतु के गोचर से मेष,वृषभ,कन्या,मकर और मीन राशि के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. राहु-केतु के प्रभाव से इन राशि के जातकों की बुद्धि भ्रमित हो सकती है. आपके काम में बाधाएं आ सकती हैं. आप आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहेंगे. अचानक से कुछ हानि का समाचार भी सुनने को मिल सकता है. इसलिए इन दोनों ग्रहों के गोचर के दौरान आपको सावधान रहने की जरूरत है.


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