Shani Dev: शनि वक्री हैं. इसलिए अभी शनि का ध्यान अपनी पीड़ा पर है. शनि के पैरों में चोट है, इसलिए उल्टी चाल चलने में शनि को कष्ट होता है. शनि जब सीधी चाल चलेंगे यानि शनि मार्गी होंगे तो फिर से एक्टिव हो जाएंगे और जो उनका कार्य है, सुचारू रूप से आरंभ हो जाएगा. शनि कब वक्री से मार्गी हो रहे हैं. इसे भी जान लें. 


दिवाली ( Diwali 2024) के बाद 15 नवंबर 2024, गुरुवार को शनि वक्री से शनि मार्गी होने जा रहे हैं. शनि का यह परिवर्तन मेष, तुला, मकर, कुंभ राशि सहित सभी 12 राशियों के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहा है. शनि महाराज सभी के जीवन को प्रभावित करने जा रहे हैं, फिर छोटा हो या बड़ा. अमीर या गरीब सभी पर अपना प्रभाव डालेंगे. शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में बेहत महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. 


भगवान शिव ने शनि देव को कलियुग के दंडाधिकारी के रूप में नियुक्त किया है. जिसका काम लोगों के कर्म के अनुसार फल देना है. इसीलिए शनि को कलियुग का न्यायधीश भी कहा गया है. चूंकि ये कर्मों का हिसाब-किताब रखते हैं तो लोग इनसे भय खाते हैं. शनि से डरने की पीछे एक बड़ी वजह यही है. क्योंकि मनुष्य कभी न कभी गलत कार्य जाने अंजाने में कर ही देता है.


शनि देव जब मनुष्य के कर्मों का बहीखाता निकालकर चेक करते हैं, तो शनि उसी के अनुसार परिणाम भी प्रदान करते हैं. यदि अच्छे कार्य किए तो शनि देव शुभ फल प्रदान करेंगे और खराब होने पर परेशानियों का अंबार लगा देंगे. शनि को गलत कार्य करने वाले लोग कतई पसंद नहीं है.


शनि कब दंड देते हैं


ज्योतिष में शनि अलग-अलग अवस्थाओं में अलग अलग फल प्रदान करते हैं, इसका निर्धारण कुंडली से किया जाता है. यदि कुंडली में शनि शुभ अवस्था में विराजमान हैं. किसी पाप ग्रह से दृष्ट नहीं और स्वराशि या उच्च राशि में गोचर कर रहे हैं तो शनि शुभ फल प्रदान करते हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि शुभ और उच्च के शनि अशुभ फल नहीं देते हैं, यदि आपके कर्म, आचरण और विचार शुद्ध नहीं हैं तो यही शनि आपको समय आने पर भयंकर कष्ट भोगने के लिए मजबूर कर सकते हैं. शनि का सीधा संदेश है, कर्म सही रखें, यदि ये गलत तो सब गलत. इसी कारण वे कर्मफल दाता कहे जाते हैं. शनि के शब्दों में समझे तो 'जैसी करनी वैसी भरनी.'


कुंडली में यदि शनि अशुभ हैं, खराब योग का निर्माण कर रहे हों तो भी घबराने की आवश्यकता नहीं है. यदि आपका चाल चलन, भाषा-बोली, आचरण, विचार और चरित्र शुद्ध है. आप नियम और अनुशासन का पालन करते हैं. निर्धन, कमजोर वर्ग के हितों के लिए कार्य करते हैं तो शनि कुंडली में कितने ही अशुभ क्यों न हो समय आने पर अत्यंत शुभ फल देकर ही रहेंगे.


शनि मार्गी 2024 (Shani Margi 2024)


15 नवंबर 2024 को कुंभ राशि में शनि मार्गी हो जाएंगे. शनि इस साल कोई राशि परिवर्तन नहीं कर रहे हैं, लेकिन वर्ष 2025 में शनि का राशि परिवर्तन होगा. शनि अभी अपनी ही राशि में हैं, इसलिए शनि आराम की अवस्था में हैं, लेकिन 2025 में शनि अपनी राशि को छोड़कर गुरु यानि देव गुरु बृहस्पति की मीन राशि में गोचर करेंगे. 


इस वर्ष शनि बस नक्षत्र परिवर्तन करेंगे. 3 अक्टूबर 2024 के बाद अब 27 दिसंबर 2024 को यानि नववर्ष 2025 से कुछ दिन पहले ही इस वर्ष का अंतिम नक्षत्र परिवर्तन करेंगे. ये परिवर्तन सभी राशियों को व्यापक रूप से प्रभावित करेगा और देश-दुनिया पर भी असर डालेगा.


शनि गोचर 2025 (Shani Gochar 2025)


वर्ष 2025 में शनि राशि बदलेंगे. हिंदू कैलेंडर के अनुसार 29 मार्च 2025 को रात्रि 11 बजकर 01 मिनट पर मीन राशि में शनि गोचर करेंगे. मीन राशि के साथ शनि की न तो शत्रुता है और न ही मित्रता है. गुरु के साथ शनि समभाव रखते हैं. लेकिन यहां बैठकर शनि ज्ञान, शुद्धता और धर्म को अधिक महत्व देने लगते हैं. इसलिए जो लोग ज्ञान का प्रयोग गलत कार्यों के लिए करेंगे. आचरण और चरित्र में शुद्धता नहीं रखेंगे और धर्म के विरुद्ध चलेंगे वे शनि के निशाने पर रहेंगे. 


शनि गोचर का राशियों पर प्रभाव (Rashifal 2025)


शनि देव 2025 में मेष, वृषभ, धनु राशि वालों को कष्ट दे सकते हैं, धन और सेहत की हानि देकर जीवन में परेशानी पैदा कर सकते हैं. मिथुन, तुला, मकर राशि वालों को मिलेजुले फल प्रदान करेंगे. जॉब, करियर के लिए इन राशि वालों के लिए समय अच्छा रहेगा. कर्क,कन्या, तुला राशि वालों के लिए ये समय अच्छा रहेगा. दांपत्य जीवन में चली आ रही दिक्कते दूर होंगी. किसी वाहन या प्रॉपर्टी की खरीदारी कर सकते हैं. सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन वालों के लिए शनि देव कर्म के अनुसार फल प्रदान करेंगे. मकर राशि वाले खुद का कार्य आरंभ कर सकते हैं.


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