Shani Dev, Shani Nakshatra Parivartan 2023, Shani Gochar 2023: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्मफल दाता और न्याय का स्वामी माना जाता है. शनि अपने गोचर में जिस भाव से गुजरते हैं, उसके जुड़े संघर्ष बढ़ा देते हैं. शास्त्रों के मुताबिक बिना संघर्षों के व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र में निखार नहीं आता. यही वजह है कि शनि देव संघर्ष के बाद बहुत अच्छे परिणाम भी देते हैं. शनि की मित्र राशियों में शुक्र और बुध के अलावा राहु-केतु भी हैं. राहु को शनि के समान फल देनेवाला भी कहा जाता है.


अब शनि महाराज अपने मित्र राहु के नक्षत्र शतभिषा में गोचर करने जा रहे हैं. ऐसे में शनि के फलों में वृद्धि होगी. जिनकी कुंडली में शनि शुभ भावों के स्वामी हैं, उन्हें अचानक बहुत बड़ा लाभ मिल सकता है. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि न्याय के देवता, दंडाधिकारी और कर्मफलदाता शनिदेव 15 मार्च 2023 को सुबह 11:40 पर शतभिषा नक्षत्र के पहले चरण में प्रवेश करेंगे. यहां शनि देव 17 अक्टूबर तक गोचर करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं. ऐसे में राहु के नक्षत्र में शनि के प्रवेश से कई संयोग बनेंगे.


'शनि नक्षत्र परिवर्तन कब होगा? (Shani Nakshatra Transit 2023)
शनि देव मार्च के महीने में 27 नक्षत्रों में से चौबीसवें नक्षत्र शतभिषा में प्रवेश करने वाले हैं. शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि के अंतर्गत आता है और इस पर राहु का शासन है. शनि देव 15 मार्च की सुबह 11:40 बजे शतभिषा नक्षत्र के पहले चरण में गोचर करेंगे. शनि महाराज 17 अक्टूबर की दोपहर 1:37 बजे तक यहां रहेंगे. शनि देव के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से सभी 12 राशियों के जीवन में अहम बदलाव होना निश्चित है. 


शनि नक्षत्र परिवर्तन का देश दुनिया पर प्रभाव (Shani Effect)
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि के नक्षत्र परिवर्तन से विश्व में भारत की साख बढ़ेगी. वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को रहस्यमई एवं जानलेवा बीमारियों की नई-नई तकनीक एवं दवाइयां मिलेगी. संक्रामक रोगों की रोकथाम के उपायों को और भी बेहतर तरीके से खोजा जा सकेगा. राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी. धरना जुलूस प्रदर्शन आंदोलन गिरफ्तारियां होगी.


दुर्घटना होने की संभावना. देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे. सत्ता संगठन में परिवर्तन होगा. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा. अचानक मौसमी बदलाव भी हो सकते. पहाड़ी क्षेत्रों से शुभ समाचार प्राप्त होंगे. भारतीय स्टॉक मार्केट पर चर्चा ज्यादा. मेडिकल ट्रैवलिंग डेरी प्रोडक्ट शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव चलेगा.


धार्मिक स्थल तीर्थ स्थल पवित्र स्थल पर कोई न कोई घटना घटित होगी. राजनीति से जुड़े नेताओं से दुखद समाचार, वाहन से जुड़ी घटना और हमला होने की संभावना. राष्ट्रों के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है. व्यावसायिक संबंधों पर असर पड़ सकता है. देश और दुनिया में आपसी संघर्ष और एक दूसरे के देश में जासूस भेजने का काम बढ़ सकता है.


शनि उपाय (Shani Upay)
शनि के अशुभ असर से बचने के लिए भैरवजी और हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. हनुमान और भैरव चालीसा का पाठ करें. केले के पत्ते पर चावल का भोग लगाएं. हरा रुमाल सदैव अपने साथ में रखें. तिल के लड्डू सुहागिनों को खिलाएं और तिल का दान करें. कन्याओं को रविवार के दिन मीठा दही और हलवा खिलाएं. प्रतिदिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं. कंबल किसी गरीब को दान करें. 


शनि का राशियों पर प्रभाव
वृषभ राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, वृश्चिक राशि, कुंभ राशि और मीन राशि पर मिलाजुला असर रहेगा. इन राशि वालों को संभल कर रहना होगा. वाद विवाद में नहीं उलझना है. सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना है. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें.


शनि के नक्षत्र परिवर्तन का राशिफल(Horoscope in Hindi)


मेष राशि (Aries)- इस राशि में शनिदेव भाग्य और कर्म स्थान के स्वामी होते हैं. ये गोचर आपके रोजगार में बहुत तरक्की देनेवाला साबित होगा. नई नौकरी या नये व्यवसाय के लिए ये शुभ समय है. व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस अवधि में जबरदस्त मुनाफा होगा. कर्म स्थान में मौजूद शनि आपको सरकारी नौकरी, राजनीतिक पद या सत्ता दिला सकते हैं. इस दौरान भाग्य भी आपके साथ होगा और हर काम में सफलता मिलेगी. इस दौरान अनैतिक कार्यों, विशेष तौर पर शराब-सिगरेट, जुआ आदि बुरी आदतों से दूर रहें.


मिथुन राशि (Gemini)- आपकी कुंडली में शनि देव अष्टमेश और नवमेश हैं. साथ ही ये अपनी मूल त्रिकोण राशि में नौवें भाव में गोचर करेंगे. इस गोचर के दौरान आपको काम के सिलसिले में लंबी यात्रा या विदेश जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है. नौकरी कर रहे लोगों का ट्रांसफर हो सकता है. इस दौरान आपकी गुप्त विद्याओं में रुचि रहेगी. रिसर्च से जुड़े लोगों को भी फायदा हो सकता है.


सिंह राशि (Leo)-
आपकी कुंडली में शनि देव छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं और सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं. इस अवधि में आपको करियर में सफलता, साझेदारी के व्यवसाय में मुनाफा और पत्नी या ससुराल पक्ष से आय होने के संकेत हैं. दोस्तों, साझेदारों और जीवन साथी से पूरा सहयोग मिलेगा. बिज़नेस में आर्थिक लाभ होने की संभावना है. पत्नी के साथ संबंध ठीक रखें.


तुला राशि (Libra)-
इस राशि के लिए शनि योगकारक हैं और चतुर्थ और पंचम स्थान के स्वामी हैं. पंचम भाव में गोचर की वजह से विद्या, बुद्धि, व्यवसाय आदि के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलने के संकेत हैं. खुद का व्यवसाय करने वाले जातकों को बड़ा धन लाभ होने के आसार हैं. सट्टा, लॉटरी, बाजार, निवेश, बैकिंग आदि के जुड़े लोगों को विशेष फायदा होगा. विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता मिलने की संभावना है.


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धनु राशि (Sagittarius)-
धनु राशि के जातकों के शनि द्वितीय और तृतीय भाव के स्वामी है. तृतीय भाव में शनि का गोचर सभी के लिए फायदेमंद माना जाता है. आपको जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी मिलेगी और कम संघर्ष में ही सफलता मिलेगी. नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में पदोन्नति और आय में वृद्धि मिल सकती है. बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए भी यह अवधि सकारात्मक परिणाम लेकर आएगी और आपको अच्छा धन लाभ होने की संभावना है.


मकर राशि (Capricorn)- 
शनिदेव आपकी कुंडली के दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं. लग्नेश का आय भाव में गोचर आपको जबरदस्त आर्थिक लाभ देगा. बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए भी ये समय अधिक लाभकारी साबित होगा. इस दौरान आपको अचानक बड़ा मुनाफा मिल सकता है या डूबे हुए पैसे वापस मिल सकते हैं. इस पूरी अवधि में आप परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे और अपनी आर्थिक स्थति मजबूत कर पाने में सफल होंगे.


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