Shani Vakri 2023: शनि देव को न्याय व कर्म का देवता माना गया है. जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनि देव उसे वैसा ही फल देता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह-नक्षत्रों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं. शनि देव की उपस्थिति एक राशि में ढाई साल तक रहती है. इसके बाद ही वे अपना गोचर करते हैं. शनि इस वक्त अपनी राशि कुंभ राशि में विराजमान हैं.
शनि देव 17 जून 2023 को रात 10:57 मिनट पर कुंभ राशि में रहते हुए वक्री चाल चल रहे हैं. वक्री चाल से मतलब उल्टी चाल से चलना होता है. शनि की यह वक्री चाल 4 नवंबर 2023 तक रहेगी फिर इसके बाद कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे.
देश-दुनिया पर असर
शनि करीब ढाई साल अपने घर में रहेंगे. जिससे देश के लिए ये बदलाव फायदेमंद होगा.
- अनाज की अच्छी पैदावार के साथ बाजार में उछाल आने के आसार हैं.
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रगति होगी, लेकिन प्राकृतिक आपदा प्रभावित कर सकती है.
- आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं.
- महत्वपूर्ण पद वालों को सुरक्षा और सेहत का खासतौर से ध्यान रखना होगा.
- अस्थिरता बढ़ सकती है. बीमारियों के इलाज में भी नए-नए आविष्कार होंगे.
- नई-नई दवाइयां और तकनीक विकसित होगी. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे.
- पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा.
- देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है.
- प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना.
वक्री शनि का प्रभाव
- शनि के शुभ प्रभाव से लोगों के रुके हुए काम पूरे होंगे.
- प्रॉपर्टी से जुड़े मामले सामने आएंगे.
- कुछ नौकरीपेशा लोगों के ट्रांसफर की स्थिति बन सकती है.
- प्रमोशन हो सकता है. कामकाज की जिम्मेदारी भी बढ़ने के योग हैं.
- बिजनेस करने वालों के भी काम करने की जगह पर बदलाव होगा.
- रहने की जगह भी बदल सकती है. वहीं, इसके अशुभ प्रभाव से कुछ लोगों को पैर में या हड्डी की चोट लग सकती है. ऑपरेशन की स्थिति भी बनेगी.
- साढ़ेसाती वालों को कर्जा लेना पड़ सकता है.
- कामकाज में बार-बार बदलाव की स्थितियां बनेंगी.
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