Shani Vakri 2024: ज्योतिष (Astrology) में शनि देव को क्रूर ग्रह कहा जाता है. क्योंकि शनि देव बुरे कर्मों का दंड देते हैं. शास्त्रों में शनि देव की पूजा (Shani Dev Puja) के कई नियम भी बताए गए हैं. वहीं शनि देव की दृष्टि जिसपर पड़ जाती है, उसका बुरा समय शुरू हो जाता है. इसलिए अधिकतर लोग शनि महाराज से भय भी रखते हैं.
शनि वक्री 2024 डेट (Shani Vakri 2024 Date)
एक निश्चित अवधि पर सभी ग्रह मार्गी होते हैं या वक्री होते हैं (सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर). ग्रहों के वक्री होने का अर्थ होता है उल्टी दिशा में गति करना या उल्टी चाल चलना. शनि देव 29 जून 2024 को रात 11 बजकर 40 मिनट को कुंभ राशि (Kumbh Rashi) में वक्री होंगे और लगभग साढ़े चार महीने तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे. इसके बाद शनि 15 नवंबर 2024 को मार्गी होंगे. आम धारणा है कि, शनि देव की वक्री अवस्था खरतनाक होती है, क्योंकि ज्योतिष में शनि का वक्री होना शुभ नहीं माना जाता है.
शनि वक्री का प्रभाव (Shani Vakri 2024 Effect)
विभिन्न लग्न के लिए शनि वक्री का फल भी अलग-अलग होता है. यह जरूरी नहीं की शनि का वक्री होना सभी के लिए अशुभ हो. यदि आपकी लग्न कुंडली में शनि शुभ स्थान पर हों तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. हालांकि शनि वक्री होकर उन राशियों (Zodiac Sign) को अधिक दंड देते हैं या परेशान करते हैं, जिनपर शनि की साढ़ेसाती (Sadesati) या ढैय्या (Dhaiya) चल रही हो. लेकिन शनि वक्री के दौरान आप आसान उपायों (Shani Upay) को कर दुष्प्रभावों से भी बच सकते हैं. आइये जानते हैं शनि वक्री के दौरान क्या करें और क्या नहीं करें.
शनि वक्री के दौरान भूलकर भी न करें ये काम (Do not do this work during Saturn Retrograde)
- शनि देव न्यायप्रिय देवता हैं. ऐसे में जब शनि देव वक्री अवस्था में हों तब लोभ, लालच और अधिक महत्वकांक्षाओं से दूर रहें. गरीब, असहाय, मजदूर या बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें और ना ही किसी प्रकार से इन्हें सताएं.
- शनि वक्री के दौरान वाणी पर नियंत्रण रखें और वाद-विवाद से दूर रहें. कटुवचन बोलने वालों को शनि देव दंड देते हैं.
- शनि वक्री की अवधि में पशु-पशु, साधु-संत, माता-पिता आदि की सेवा करें और भूलकर भी इनका अपमान न करें.
शनि वक्री हो तो करें ये काम (Do this work During Saturn Retrograde)
- शनि वक्री के दौरान उन लोगों को नदी स्नान करना चाहिए और छाता का दान करना चाहिए, जिनकी कुंडली में शनि शत्रु भाव में बैठे हों या फिर शनि की शुभ दृष्टि न हो.
- लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें अपनी छवि देखें और फिर इस तेल को कटोरे सहित दान कर दें. या पीपल के नीचे रख दें.
- शनि वक्री की अवस्था में लोहा, सरसों तेल, काली उड़द, काली तिल, काले वस्त्र, कंबल आदि का दान करना शुभ होता है.
- इस अवधि में आप सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करा सकते हैं.
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