Shani Vakri 2024: शनि वक्री होकर मेष, तुला और मकर राशि वालों को क्या फल देने जा रहे हैं, जानें
Shani Vakri 2024: शनि देव कुंभ राशि में वक्री चाल चल रहे हैं. वक्री अवस्था में शनि (Saturn Retrograde) सभी राशियों को शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं. जानते हैं मेष, तुला और मकर राशि को शनि क्या फल देंगे.
Shani Vakri 2024: ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में शनि देव को सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह कहा जाता है, जोकि करीब ढाई साल में एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करते हैं. फिलहाल शनि देव अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ (Kumbh Rashi) में विरामजान हैं.
शनि देव (Shani Dev) 29 जून 2024 को कुंभ राशि में वक्री हुए हैं और अगले 5 महीने तक इसी अवस्था में रहेंगे. इसके बाद 15 नवंबर को कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे. वैसे तो शनि देव वक्री या मार्गी होकर सभी राशियों को शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं. लेकिन फिलहाल जानेंगे शनि की वक्री अवस्था मेष, तुला और मकर राशि वालों के लिए कैसी रहेगी.
शनि वक्री क्या है? (What is Saturn Retrograde)
शनि देव जब अपने नियमित गतिमान पथ से चलते हुए पिछले ग्रहों के मुकाबले ऊर्ध्वमुखी दिशा (Upward Direction) में चलते हैं तो इसे शनि वक्री (Shani Vakri) कहा जाता है. शनि वक्री का प्रभाव सभी के राशियों के जीवन को विभिन्न तरह से प्रभावित करता है. लेकिन खासकर जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती (Sadesati) या ढैय्या (Dhaiya) चल रही होती है, उन्हें शनि वक्री होकर सबसे अधिक दंड देते हैं.
मेष, तुला और मकर राशि वालों पर शनि वक्री का फल (Saturn Retrograde Zodiac Effect)
मेष राशि पर शनि वक्री का प्रभाव (Saturn Retrograde Effect on Aries): शनि आपकी राशि से 11वें भाव में वक्री हुए हैं. ऐसे में शनि देव आपको शुभ फल प्रदान करेंगे. शनि की वक्री अवस्था आपके लिए शुभ फलदायी साबित होगी और इस दौरान आपको नौकरी-व्यापार में खूब लाभ होगा.
लेकिन आपको शुभ फल तभी मिलेगा, जब आप खूब मेहनत करेंगे. मेहनत न करने या कामचोरी करने पर बिजनेस में मुनाफा नहीं मिलेगा और करियर में भी बाधाओं का सामना करना पड़ता है. यदि शनि वक्री अवस्था में आपको कर्मफलदाता शनि से शुभ फल चाहिए तो अच्छे कर्म और खूब मेहनत करें. साथ ही प्रतिदिन ऊं नमो नारायणाय मंत्र का 21 बार जप करें.
तुला राशि पर शनि वक्री का प्रभाव (Saturn Retrograde Effect on Libra): आपकी राशि से पंचम भाव में शनि वक्री हुए हैं, जोकि आपके लिए तनाव बढ़ाएगा. इस दौरान धनहानि का सामना करना पड़ता है. वाद-विवाद जैसी स्थितियां बनेंगी और पैसों के खर्च बढ़ेंगे. शिक्षा क्षेत्र में सफलता के लिए आपको अधिक प्रयास और मेहनत करनी पड़ेगी.
मकर राशि पर शनि वक्री का प्रभाव (Saturn Retrograde Effect on Capricorn): शनि वक्री होकर साढ़ेसाती या ढैय्या वाली राशियों को अधिक कष्ट देते हैं. मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रहा है. ऐसे में शनि वक्री होकर आपकर जुल्म ओ सितम ढाएंगे. यह समय आपके करियर, कारोबार और शिक्षा आदि के लिए बहुत संघर्षकारी रहेगा.
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