Shani Vakri 2024: शनि की उल्टी चाल क्या होती है, ये किन राशियों के लिए शुभ किसके लिए होती है कष्टकारी
Shani Vakri 2024: जून के अंत में शनि वक्री होंगे. शनि वक्री होकर उल्टी दिशा में गति करेंगे, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. जानिए शनि का वक्री होना किनके लिए रहेगा शुभ और किनके लिए होगी कष्टकारी.
Shani Vakri 2024: कर्मप्रधान देव और न्यायधीश शनि महाराज कुंभ राशि (Kumbh Rashi) के स्वामी हैं. ज्योतिष (Astrology) के अनुसार शनि जब अपनी स्वराशि में गोचर करते हैं, अस्त होते हैं, उदय होते हैं, वक्री या मार्गी होते हैं राशियों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव (Shani Effect) पड़ता है.
ज्योतिष के अनुसार शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलते हैं. लेकिन शनि देव जब वक्री होते हैं तो कई राशियों को परेशानी में डाल देते हैं. क्योंकि शनि का वक्री होना शुभ नहीं माना जाता है. हालांकि शनि वक्री होकर सभी के लिए अशुभ साबित नहीं होते. इस दौरान वे कई राशियों को शुभ फल भी प्रदान करते हैं.
शनि वक्री 2024 तिथि और समय (Shani Vakri 2024 Date and Time)
फिलहाल शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं और 29 जून को इसी राशि में वक्री यानी उल्टी चाल चलेंगे. शनि देव 29 जून को रात 11 बजकर 40 मिनट पर वक्री अवस्था में आ जाएंगे. शनि की वक्री अवस्था का प्रतिकूल प्रभाव सबसे अधिक कुंभ राशि पर पड़ेगा. आइये जानते हैं शनि वक्री अवस्था में किसे देंगे कष्ट और किन्हें होगी शुभ फल की प्राप्ति.
शनि की उल्टी चाल क्या होती है? (Meaning of Saturn Retrograde)
ज्योतिष (Jyotish Shastra) में ग्रहों की चाल (सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर) को दो भागों में बांटा गया है, पहला वक्री यानी उल्टा और दूसरा मार्गी यानी सीधी चाल. ग्रहों का वक्री होना कुंडली (Horoscope) या राशि (Zodiac) में उस ग्रह की उल्टी चाल को दर्शाता है, जिसे अशुभ माना जाता है. जब शनि ग्रह किसी राशि में उल्टी चाल चलते हैं तो केवल उस राशि या राशि के लोगों के लिए कष्टकारी साबित होते हैं.
इसके साथ ही शनि वक्री होकर जिस राशि में विराजमान होते हैं, उस राशि वाले जातकों को साढ़ेसाती और ढैय्या से जूझना पड़ता है. क्योंकि इस अवस्था में शनि की दृष्टि का प्रभाव बढ़ जाता है. वहीं खगोलीय दृष्टि से शनि की उल्टी चाल का अर्थ है परिक्रमण मार्ग से विपरीत या फिर पीछे की ओर बढ़ता हुआ दिखाई देना. जब कोई ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो वह पृथ्वी के करीब होता है और इसलिए उसका प्रभाव बढ़ जाता है.
शनि की वक्री अवस्था इनके लिए कष्टकारी
शनि फिलहाल कुंभ राशि में हैं. ऐसे में मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Sadesati) का प्रभाव है. वहीं कुंभ में साढ़ेसाती का दूसरा, मकर में आखिरी और मीन राशि पर पहला चरण चल रहा है. साढ़ेसाती में शनि के वक्री होने से पीड़ित राशियों को इस समय कष्ट का सामना करना पड़ेगा. इन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ेगी. इसके साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि में शनि की ढैय्या (Shani Dhaiya) चल रही है. इसलिए इन राशियों पर भी शनि वक्री का प्रभाव रहेगा.
शनि वक्री से इन राशियों को लाभ
सिंह राशि और धनु राशि के जातकों पर शनि वक्री का प्रभाव नहीं पड़ेगा. क्योंकि वक्री अवस्था में शनि महाराज आके लिए शुभ साबित होंगे और कर्म व मेहनत का फल प्रदान करेंगे.
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