Shukra Gochar 2025: ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों में शुक्र को विशेष स्थान प्राप्त है, जोकि निश्चित समयावधि में राशि परिवर्तन या गोचर करते हैं. वर्तमान में शुक्र ग्रह मित्र राशि कुंभ में विराजमान हैं और आज गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे.


शुक्र का गोचर मंगलवार 28 जनवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर होगा. शुक्र के मीन राशि में प्रवेश करते ही कुछ राशियों की जहां किस्मत चमक जाएगी, तो वहीं कुछ की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इस समय आय से अधिक खर्च होंगे और इन खर्चों पर रोक लगाना मुश्किल हो जेगा. आइये जानते हैं मीन राशि में गोचर कर शुक्र किन राशियों की जेब ढीली करने वाले हैं.


क्यों शुभ नहीं शुक्र का गोचर


दरअसल शुक्र गोचर करने के बाद अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे, जोकि देव गुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, बृहस्पति सभी देवताओं के देवगुरु कहलाते हैं और शुक्र दानवों व असुरों के गुरु हैं. इन्हें दैत्यराज या असुराचार्य भी कहा जाता है. शुक्र और गुरु दोनों की आचार्य हैं, लेकिन इन दोनों ग्रहों की आपस में नहीं बनती है. यही कारण है कि शत्रु ग्रह की राशि में शुक्र का गोचर करना कुछ राशियों के लिए कष्टकारी हो सकता है.


शुक्र का गोचर किन राशियों के लिए नहीं शुभ (Venus Transit 2025 Impact)


मेष राशि (Shukra Gochar Mesh Rashifal 2025): शुक्र का गोचर आपकी राशि के बारहवें भाव में होगा, जो मेष राशि वाले जातकों के लिए बहुत ज्यादा शुभ नहीं कहा जा सकता है. शुक्र गोचर कर आपको आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाएगे और अचानक अनावश्यक खर्चों में बढ़ोतरी होने लगेगी. निवेश या फिर आर्थिक योजना का लाभ हो सकता है इस समय आपको न मिले.


सिंह राशि (Shukra Gochar Singh Rashifal 2025):  शुक्र के मीन राशि में गोचर करने से सिंह राशि वालों को भी पैसों की तंगी का सामना करना पड़ सकता है. इस समय आपके सामने ऐसे खर्च आएंगे, जिन्हें रोक पाना आपके लिए मुश्किल होगा. साथ ही प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां खड़ी हो सकती है. कामकाज में बाधा, कर्ज में बढ़ोतरी और आय में कमी जैसी समस्या हो सकती है.


तुला राशि (Shukra Gochar Tula  Rashifal 2025): शुक्र गोचर कर आपकी राशि के छठे भाव में होगा, जिससे आपकी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. खासकर आपके आर्थिक और घरेलू जीवन में परेशानियां रहेंगी. निर्णय लेने की क्षमता में कमी आएगी और कामकाज में संघर्ष बढ़ सकता है. साथ ही सेहत संबंधी समस्याएं भी हो सकती है.


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