Surya Gochar Effect: सूर्य के गोचर का मतलब है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना. सूर्य के राशि परिवर्तन को सूर्य संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य एक राशि में एक माह की अवधि तक गोचर करता है. गोचर के दौरान सूर्य हर राशि के अलग-अलग भावों में स्थित होकर उन्हें प्रभावित करता है. जब सूर्य किसी भी ग्रह के समीप जाता है तो ग्रह का प्रभाव शून्य हो जाता है. इसलिए कई बार सू्र्य के प्रभाव में आने के कारण संबंधित ग्रह अपने चरित्र के अनुसार शुभ परिणाम नहीं दे पाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में ऐसे ग्रहों को अस्त ग्रह कहा जाता है.


कब है सूर्य का गोचर?


सूर्य मेष राशि में 14 अप्रैल 2023, शुक्रवार के दिन दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर गोचर करेंगे. सूर्य का ये राशि परिवर्तन मीन से मेष राशि में हो रहा है जहां वो 15 मई तक रहेंगे. सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना जाता है. जब सूर्य अपनी मूल त्रिकोण राशि में होते हैं तो जातकों को इसके लाभदायक परिणाम मिलते हैं. वहीं सूर्य देव जब मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि में मौजूद होते हैं, तो सूर्य की यह स्थिति बेहद शक्तिशाली हो जाती है. 


सूर्य के राशि परिवर्तन का  प्रभाव


सूर्य देव मेष राशि के पांचवे भाव के स्वामी हैं. मेष राशि में सूर्य के आने से कई लोगों का भाग्य चमकने वाला है. इसके प्रभाव से जातकों को करियर में सफलता, धन लाभ, मान-सम्मान में वृद्धि जैसे शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे.सूर्य के इस गोचर से अध्यात्म के प्रति झुकाव बढ़ता और मानसिक शांति मिलती है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को उच्च अधिकार वाला तेज ग्रह माना जाता है. सूर्य देव हर व्यक्ति के जीवन में अच्छे प्रशासन और सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनकी कृपा हो तो जातकों को करियर में ऊंचा स्थान मिलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.


सूर्य देव के शुभ होने पर जातकों को जीवन में संतुष्टि मिलती है और अच्छी सेहत का वरदान प्राप्त होता है. कुंडली में अगर सूर्य की स्थिति पहले से ही मजबूत हो तो सूर्य के गोचर के ज्यादातर शुभ परिणाम ही मिलते हैं. कुंडली में सूर्य महाराज की मजबूत स्थिति करियर में उच्च पद दिलाती है. अगर आपकी कुंडली में सू्र्य देव बृहस्पति के साथ मौजूद हैं या इनकी दृष्टि सूर्य पर पड़ रही हो, तो, इस गोचर से आप शारीरिक और मानसिक रूप से काफी मजबूत होंगे. 


वहीं, कुंडली में अगर सूर्य की स्थिति कमजोर हो या फिर वो राहु और केतु जैसे ग्रहों के साथ मौजूद होते हैं तो आपके मान-सम्मान में कमी आ सकती है. हो सकता है कि आपको आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़े. ऐसी स्थिति में आप क सूर्य गायत्री मंत्र और श्री आदित्य हृदयम का पाठ करना चाहिए.


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