Surya Shani Yuti 2023: 13 फरवरी 2023 को सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इस राशि में पहले से ही शनि विराजमान है. इस तरह से सूर्य और शनि दोनों की कुंभ राशि में युति बनेगी. ज्योतिष के अनुसार जब किसी एक राशि में दो ग्रहों की युति बनती है तो इसका शुभ-अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है.
ग्रहों की चाल से देश-दुनिया में उतार-चढ़ाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास के अनुसार, ग्रहों की चाल में बदलाव होने के करण सोने में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. कृषि और बिजनेस में भी फायदा होगा. अचानक मौसम परिवर्तन होने के योग बनेंगे. देश में कई जगहों पर अचानक ठंड बढ़ सकती है. शेयर मार्केट में बड़ी उथल-पुथल होने के योग बनेंगे.
प्रशासनिक फैसलों से देश में विवाद बढ़ाने की आशंका रहेगी. लोगों में मतभेद बढ़ सकते हैं. भ्रष्टाचार उजागर हो सकते हैं. नौकरीपेशा लोगों के कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं. लोगों के दिल-दिमाग में अनिश्चितता रहेगी. सूर्य-बुध के शुभ योग से कृषि क्षेत्र यानी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. बड़े निवेश और लेन-देन होंगे. मीडिया और वकालात से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा. स्टूडेंट्स को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के नए मौके मिलेंगे. साथ ही व्यापारिक क्षेत्रों में फायदा होने के भी योग बन रहे हैं.
राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी. दुर्घटना होने की संभावना, देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे. सत्ता संगठन में परिवर्तन होगा. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा. मनोरंजन, फिल्म, खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी. बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना.
क्या करें उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास बताते हैं कि शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा अवसर शनिवार, शनि प्रदोष, शनि अमावस्या, शनि जयंती और भगवान हनुमान की उपासना को माना गया है. शनिवार के दिन काले श्वान को तेल लगाकर रोटी खिलाना चाहिए. अगर आपके ऊपर शनि की महादशा चल रही तो उस समय मांस-मदिरा का त्याग करना चाहिए.
महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें. शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें. हर शनिवार शनि मंदिर जाकर शनि महाराज को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए. पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया जलने से शनि की कृपा मिलती है. हनुमान भैरव और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि की कृपा मिलती है.
ये भी पढ़ें: Kumbh Sakranti 2023: कुंभ संक्रांति कब है? इस दिन का है विशेष महत्व, जानें दान-स्नान का सही मुहूर्त
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.