Budget 2024: किसान, तकनीकी, चिकित्सा और धार्मिक क्षेत्र के लिए कैसा रहेगा बजट, ग्रहों के प्रभाव से जानें
Budget 2024: नरेंद्र मोदी (PM Modi) के तीसरे कार्यकाल में पहला बजट (Budget) 23 जुलाई को पेश होगा. ग्रहों के माध्यम से जानते हैं खेती, किसान, तकनीकी, चिकित्सा और धार्मिक क्षेत्र के लिए बजट कैसा रहेगा.
Union Budget 2024: मंगलवार, 23 जुलाई 2024 को बजट पेश किया जा रहा है. उस समय भारत की कुंडली में कुछ विशेष ग्रहों का प्रभाव देखने को मिलेगा. इन ग्रहों का देश में किस-किस क्षेत्र में अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा,आइए इसकी समीक्षा करते हैं.
किसानों के लिए बजट कैसा रहेगा (How will the Budget 2024 for Farmers)
ज्योतिष में मंगल (Mangal) को भूमि से संबंधित ग्रह माना गया है. मंगल को भूमि का पुत्र कहा गया है. कृषि संबंधित कार्य करने वाले लोगों के जीवन में मंगल का प्रभाव बहुत अधिक देखा गया है तथा इसके साथ-साथ शनि (Shani) का सहयोग भी देखा जाता है. चतुर्थ भाव को भूमि संबंधित भाव कहते हैं तथा किसान और कृषि का विचार चतुर्थ भाव से किया जाता है.
बजट के दिन भारतवर्ष की लग्न कुंडली (Horoscope) में चतुर्थ भाव पर मंगल बुध तथा शनि का प्रभाव रहेगा. मंगल की चौथी दृष्टि तथा शनि की सातवीं दृष्टि चतुर्थ भाव पर रहेगी तथा बुध स्वयं चतुर्थ भाव में रहेगा. चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह सूर्य तृतीय भाव में लग्न के स्वामी शुक्र के साथ रहेगा. अपने आप में यह योग किसानों तथा भूमि संबंधित कार्य करने वालों के लिए बहुत अच्छा माना जाएगा.
इसके कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु -
- लग्न से शुक्र तथा चतुर्थ बुद्ध का तृतीय भाव में होना किसानों के लिए अच्छा संकेत माना जाएगा. इसमें किसानों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से कृषि में उर्वरता बढ़ाने तथा कम समय में अधिक फसल वाले साधनों के विकास में बजट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
- चतुर्थ भाव में बुध का होना तथा उस पर शनि और मंगल की दृष्टि होना, हरित क्रांति में वृद्धि के संकेत दे रहा है. क्योंकि हरियाली का प्रतीक बुध ग्रह चतुर्थ भाव में होने से भूमि में पेड़ पौधे तथा घास और फसल आदि की वृद्धि का योग बना रहा है.
- भूमि का कारक ग्रह मंगल चतुर्थ भाव में मित्र सूर्य की राशि को देख रहा है और शनि की दृष्टि भी चतुर्थ भाव पर है. इससे प्रतीत होता है कि कृषि और किसानों के लिए भूमि तैयार की जा सकती है और जो इलाके सूखे तथा वीरान पड़े हैं उनमें हरियाली बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई जा सकती है.
- शनि का प्रभाव चतुर्थ भाव पर है इसलिए इन योजनाओं को सुचारू रूप से चलने के लिए कुछ समय लग सकता है. लेकिन मंगल की दृष्टि और चतुर्थ भाव में बुध होने से प्रतीत होता है कि यह योजनाएं जल्द ही पूरी होगी.
- लग्न के मंगल और बृहस्पति का केंद्रीय बल वाला प्रभाव चतुर्थ भाव को मजबूत बना रहा है. बृहस्पति को जीव कारक भी बोला गया है, जिसका अर्थ जीवन देने वाला होता है. बृहस्पति का केंद्रीय बल चतुर्थ भाव अर्थात भूमि में नहीं उर्वरक क्षमता बढ़ाने का संकेत दे रहा है. बजट का धन भूमि की ऊर्वता बढाने के लिए रिसर्च आदि में इस्तेमाल किया जाएगा.
तकनीकी क्षेत्र तथा चिकित्सा क्षेत्र तथा धार्मिक क्षेत्र में बजट का इस्तेमाल-
बुध ग्रह का सम्बन्ध कम्प्यूटर और IT सेक्टर से होता है, चतुर्थ भाव में धन और बुद्धि भाव का स्वामी बुध है जो मंगल शनि से प्रभावित है. यह दर्शाता है कि कम्प्यूटर और सूचना एवं प्रौद्योगिकी सम्बंधित क्षेत्र में इस बजट का ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा.
शनि का सम्बन्ध कैमिकल तथा दवाइयों से होता है. दशम में शनि का अपनी राशि में होगा ये दर्शाता है कि बजट का चिकित्सा क्षेत्र में भी इस्तेमाल अच्छे स्तर पर होगा. शनि लम्बे समय तक चलने वाले रोगों का कारक है. कैंसर जैसे गम्भीर रोग और खतरनाक वायरस आदि के तोड़ निकालने में भी बजट का इस्तेमाल किया जाएगा.
शनि भाग्य भाव का स्वामी भी है जिसका सम्बन्ध धार्मिक संस्थाओं से होता है. देश के धार्मिक स्थल जहां पर्यटक अधिक आते हैं, उनके आने से आर्थिक बढ़ोतरी होती है. धार्मिक स्थलों को और अधिक मनोहारी बनाने में तथा जीर्णोद्धार आदि में भी बजट का इस्तेमाल हो सकता है.
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