US Recession: किसी भी देश में जब कोई बड़ी विपदा आती है तो इसमें दो कुंडलियां महत्वपूर्ण होती हैं, जिनके आधार पर परिस्थितियों का अनुमान लगाया जाता है. पहली कुंडली देश के मुखिया की होती है जोकि अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन (U.S. President Joe Biden) है.


वहीं दूसरी कुंडली देश की कुंडली होती है जिस देश पर आने वाली विपत्ति का अंदाजा लगाया जाता है. अमेरिका (United State) में इस समय बड़े स्तर पर मंदी (Recession) देखने को मिल रही है जिसने शेयर मार्केट (Share Market) को पूरी तरह से झकझोर के रख दिया है. दुनिया के अन्य देश भी इस मंदी प्रभावित (US Recession Effect) हो रहे हैं.


जो बिडेन की कुंडली के अनुसार परिस्थितियों का आकलन



  • जो बाइडन की कुंडली (Joe Biden Kundli) मौजूद सूत्रों के अनुसार 20 नवंबर 1942 सुबह 8:30 बजे पेनसिलवेनिया की जन्म कुंडली है जो वृश्चिक लग्न की तथा मेष राशि की कुंडली है. इस कुंडली में लग्न में सूर्य तथा शुक्र है शुक्र अस्त अवस्था में है, चतुर्थ भाव में केतु, षष्टम भाव में चंद्रमा, सप्तम भाव में शनि वक्री अवस्था में, नवम भाव में बृहस्पति उच्च राशि में और वक्री अवस्था में हैं. दशम भाव में राहु तथा द्वादश भाव में मंगल और बुध अस्त अवस्था में है.

  • इस कुंडली के आधार पर यदि ग्रहों की अवस्था देखें तो जो बिडेन की कुंडली में एकादश तथा द्वितीय भाव कमजोर है. द्वितीय भाव से हम धन का संचय देखते हैं और एकादश भाव से हम धन का आगमन देखते हैं. जो बाइडन की कुंडली में धन के आगमन अर्थात 11वें भाव का स्वामी बुध व्यय भाव में अस्त है, जिसके कारण अत्यधिक खर्च रहने तथा धन का अपव्यय होने के योग बनते हैं.

  • यह कुंडली बाइडन के कार्यकाल में पूरे देश को प्रभावित करेगी, क्योंकि जो भी निर्णय बाइडन के द्वारा लिया जाएगा वह देश के हित अथवा अहित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बाइडन के निर्णय कुंडली के अनुसार धन लाभ के लिए बहुत अच्छे नहीं कहे जाएंगे. वहीं कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बृहस्पति नवम भाव में उच्च राशि में है लेकिन वक्री अवस्था में है तथा दो डिग्री का है और शिशु अवस्था में है.

  • ऐसी स्थिति में धन का आगमन केवल भाग्य के भरोसे ही रह सकता है. जब तक बाइडन का कार्यकाल रहेगा तब तक धन इतना ही रहेगा कि देश की अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहेगी. लेकिन बड़ा लाभ देखने को नहीं मिलेगा. अब यदि हम दूसरा बिंदु देखें तो सप्तम भाव में बैठे हुए शनि की तीसरी दृष्टि बृहस्पति पर हैं जो धन की गति को धीमा कर रही है तथा कभी-कभी धन से संबंधित अचानक उतार-चढ़ाव और नुकसान के संकेत भी दे रही है.

  • ठीक ऐसी ही स्थिति इस वक्त अमेरिका (America) में चल रही है कि अचानक मंदी (America economy crisis) जैसे हालात नज़र आने लगे हैं. लेकिन धन भाव का स्वामी बृहस्पति भाग्य भाव में है और यह अपने आप में किसी प्रकार से धन की बिगड़ती स्थिति को संभालने के संकेत दे रहा है.

  • अब यदि हम अमेरिका की परिस्थिति का अनुमान लगाने के लिए अमेरिका की कुंडली बनाना चाहे तो उसके लिए हम अमेरिका की नाम राशि जोकि मेष राशि बनती है उस पर ग्रहों की गोचरीय स्थिति और प्रभाव देखकर आकलन कर सकेंगे.

  • वर्तमान में मेष राशि की परिस्थितियों यदि हम देखें तो उसे अमेरिका की स्थिति भी स्पष्ट होती है, द्वितीय भाव में बृहस्पति तथा मंगल की स्थिति दर्शाती है कि धान की परिस्थितियों स्थिर हो जाएंगे. वर्तमान समय में दशम तथा एक आदर्श भाव का स्वामी शनि वक्री अवस्था में चल रहा है, जिसकी सातवें दृष्टि धान भाव के स्वामी शुक्र पर है और तृतीय तथा सिस्टम भाव के स्वामी बुध पर भी है.

  • इन परिस्थितियों को देखकर प्रतीत होता है कि इस अर्थव्यवस्था में जो भूचाल आया हुआ है वह शनि की वक्री (Shani Vakri) अवस्था के कारण आया हुआ है. शनि जैसे ही 15 नवम्बर 2024 को मार्गी स्थिति में होंगे उसे समय अमेरिका की अर्थव्यवस्था (Economy of US) में भी सुधार हो जाएगा.



शेयर मार्केट में कैसी रहेगी स्थिति (Situation in the Stock Market)-


नवंबर महीने तक शनि वक्री अवस्था में रहेंगे तो था शुक्र देव नीच राशि में भी जाएंगे और केतु (Ketu) से पीड़ित भी होंगे. इसलिए नवंबर 2024 से पहले का समय शेयर मार्केट में काफी बड़ा नुकसान कर सकता है, स्तर बहुत नीचे आ सकता है, बड़ी-बड़ी नामी कंपनियों के शेयर काफी हद तक गिरावट की ओर जा सकते हैं. नवंबर के बाद ही शेयर मार्केट में स्थिति का संतुलन बनेगा.


भारत पर कैसा रहेगा असर (US Recession it affect India)-


भारत की अर्थव्यवस्था (Economy of India) का अनुमान यदि अमेरिका की नाम राशि कुंडली के अनुसार लगाएं तो भारत की अर्थव्यवस्था में कोई बड़ा अधिक नुकसान देखने को नहीं मिलेगा. छोटा-मोटा उतार चढ़ाव आ जाना एक सामान्य बात रहेगी, क्योंकि बृहस्पति की स्थिति इस कुंडली में मजबूत है और भारत एक लोकतांत्रित राष्ट्र है जोकि बृहस्पति से संबंधित है. इसलिए भारत की अर्थव्यवस्था में कुछ अधिक बिगड़ती स्थिति उत्पन्न नहीं हो पाएगी.


ये भी पढ़ें: Bangladesh: बांग्लादेश में कितने हिंदू मंदिर हैं, इनका इतिहास जान रह जाएंगे दंग



[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]