Vakri Guru 2022: ज्योतिष के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति हर 13 महीने में राशि बदलते हैं अर्थात वे 13 महीने में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं. गुरु अपनी स्वराशि मीन में 29 जुलाई से वक्री अवस्था में हैं. वे यहां पर 24 नवंबर तक उल्टी चाल से चलेंगे. इनकी उल्टी चाल से अगले 4 महीने तक इन राशियों को कई लाभ मिलेंगे.


वक्री गुरु इन्हें दिलाएंगे बंपर लाभ


वृषभ राशि: देवगुरु 29 जुलाई से मीन राशि में वक्री हो गये हैं. गुरु के वक्री होने पर वृषभ राशि वालों को कोई शुभ समाचार मिल सकता है. इनके भौतिक सुख-सुविधाओं के साथ आय में वृद्धि होगी. कार्यस्थल पर इन्हें सम्मान मिलेगा. जो लोग नौकरी की तलाश कर रहें हैं, उन्हें कभी भी शुभ समाचार मिल सकता है.


कर्क राशि: गुरु वक्री अवस्था में कर्क राशि के जातकों पर विशेष कृपा बरसाएंगे. इस दौरान आपको नौकरी में अच्छे अवसर मिलेंगे. आपका प्रमोशन भी हो सकता है. किसी धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेने के प्रबल योग बनें हैं. मान-सम्मान में वृद्धि होगी.


कन्या राशि: गुरु का स्वराशि मीन में वक्री होना कन्या राशि के जातकों के लिए शुभ होगा. इस दौरान आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी. आर्थिक तरक्की के नए –नए अवसर खुलेंगे. परिवार व जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा.


वृश्चिक: गुरु वक्री के दौरान वृश्चिक राशि वालों के रुके काम बनेंगे. नौकरी में नए मौके मिलेंगे. मान-सम्मान में वृद्धि होगी. बिजनेस में लाभ मिलेगा. सेहत अच्छी रहेगी.


कुंभ राशि: कुंभ राशि वालों के लिए गुरु का मीन राशि में वक्री होना लाभदायी होगा. इस अवधि में इन्हें कई तरह के लाभ मिलेंगे. यह समय इनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है. वैवाहिक जीवन सुखमय होगा. नौकरी में स्थान परिवर्तन हो सकता है. धन के प्रबल योग बने हैं.


मीन राशि: इन्हें मेहनत का पूरा फल मिलेगा. धन लाभ के योग बनें हैं. नौकरी में प्रमोशन के योग बनें हैं तथा इनकी आय में वृद्धि होगी. विदेश यात्रा का योग हैं.


 



 



 


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