Shirin Farhad Love Story: 14 फरवरी, वैलेंटाइन डे का दिन प्रेमी जोड़ों को समर्पित होता है. इतिहास में ऐसी कई प्रेम कहानियां दर्ज हैं जो आज भी दुनिया भर में मशहूर हैं. इन अमर प्रेम कहानियों की मिसालें दी जाती हैं. ऐसी ही एक सच्ची प्रेम कहानी है शीरीं और फरहाद की. आर्मेनिया के बादशाह की बेटी शीरीं और एक मामूली शख्स  फरहाद का प्रेम और बलिदान आज भी लोगों के दिलों में हैं. आइए जानते है इस प्रेम कहानी के बारे में.


शीरीं-फरहाद  की प्रेम कहानी


आर्मेनिया के बादशाह की बेटी शीरीं बहुत खूबसूरत थी. पर्शिया के बादशाह खुसरो शीरीं की तस्वीर देखकर ही उस पर फिदा हो गए थे. उन्होंने अपने सिपहसालार से शीरीं के साथ शादी का प्रस्तावभिजवाया. शीरीं ने खुसरो का ये प्रस्ताव मान लिया लेकिन उसके सामने एक शर्त रखी. शीरीं ने कहा कि अगर खुसरो पर्शिया के लोगों के लिए दूध का दरिया बनवाते हैं तो वो उनसे शादी करने को तैयार है. खुसरो ने यह शर्त स्वीकार कर लिया दरिया बनवाने का काम शुरू करा दिया. इसके बाद शीरीं ने खुसरो से शादी कर ली.


 



नहर खुदवाने का काम खुसरो ने फरहाद नाम के एक शख्स को दिया. बादशाह ने फरहाद को बुलवा कर शीरीं से मिलवाया ताकि उसकी सलाह पर फरहाद नहर की खुदाई कर सके. पहली मुलाकात में शीरीं को देखते ही फरहाद उसका दीवाना हो गया. वो शीरीं से पागलों की तरह मोहब्बत करने लगा. शीरीं के नाम की रट लगाते-लगाते फरहाद ने नहर की खुदाई शुरू कर दी.  फिर एक दिन मौका मिलते ही फरहाद शीरीं के कदमों में झुक गया और अपने इश्क का इजहार कर दिया. शीरीं फरहाद की ये हरकत बहुत बुरी लगी और वो वहां से चली गई.


फरहाद पर शीरीं के प्यार का जूनून सवार हो गया था. उसने नहर खोदने में अपनी पूरी जान लगा दी. फरहाद के इस जुनून की खबर बादशाह तक भी पहुंच गई.जब उसे इसकी जानकारी मिली तो वह आगबबूला हो गया. फरहाद ने बिना डरे खुसरो के सामने शीरीं के लिए अपने प्यार का इजहार कर दिया. गुस्से में बादशाह ने तलवार से उसका सिर कलम करना चाहा लेकिन उसके वजीर ने उसे रोक लिया. 


वजीर ने खुसरो को सलाह दी कि वो फरहाद से करे कि अगर वो अपनी मेहनत से पहाड़ियों के आर-पार सड़क बना देगा तो शीरीं से उसका निकाह कर दिया जाएगा. वजीर को इस बात का पूरा यकीन था कि फरहाद यह नहीं कर पाएगा लेकिन दीवाने फरहाद ने यह शर्त भी स्वीकार कर ली.


अपनी मोहब्बत की खातिर फरहाद दिन-रात काम करके सड़क बनाने लगा रहा. आखिर उसकी बेइंतहा मोहब्बत ने शीरीं का दिल जीत ही लिया. सड़क पूरी होते देख बादशाह घबराया गया. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे. उसने फरहाद के पास यह झूठी खबर पहुंचा दी कि शीरीं ने आत्महत्या कर ली है. यह खबर सुनते ही फरहाद पागल हो गया. वो दीवारों से सिर पटक-पटककर चिल्लाने लगा और अपने सिर पर कुल्हाड़ी मारकर अपनी जान दे दी. 


जब शीरीं को फरहाद की मौत की खबर पता चली तो वह दौड़ी उस जगह पहुंची जहां फरहाद ने दम तोड़ा था. बादशाह के छल का पता चलने पर शीरीं ने महल में लौटने से इंकार कर दिया और फरहाद के कदमों में ही दम तोड़ दिया. इन दो अमर प्रेमियों को एक साथ दफन किया गया. इनकी मोहब्बत एक मिसाल बन गयी जो आज भी जिंदा है. 


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