Varuthini Ekadashi 2023 Date: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है. वरुथिनी एकादशी का व्रत 16 अप्रैल को रखा जाएगा. वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. सभी एकादशी में वरुथिनी एकादशी का विशेष महत्व होता है. पुराणों के अनुसार वरुथिनी एकादशी समस्त पापों का नाश करती है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ये दिन बहुत उत्तम माना जाता है.


मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ वरुथिनी एकादशी का उपवास करने से भगवान विष्णु सभी संकटों से छुटकारा दिलाते हैं. वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत करने से करोड़ों वर्ष की तपस्या करने के समान पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन भगवान श्रीहरि का स्मरण करने और उनके मंत्रों का जाप करने मात्र से जीवन के समस्त संकट खत्म हो जाते हैं. 



वरुथिनी एकादशी व्रत की महिमा 


वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है और अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है. इस दिन तिलों का दान करना बहुत शुभ होता है. वरुथिनी एकादशी पर तिल दान को स्वर्ण दान करने से भी अधिक शुभ माना गया है. इस दिन उपवास करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत करने से सूर्य ग्रहण के समय दान करने के बराबर फल मिलता है. 


वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य लोक और परलोक दोनों में सुख भोगता है और जन्म-मरण से के चक्र से छुटकारा मिलता है. पुराणों के अनुसार इस दिन व्रत रखने से भूमि दान करने से भी ज्यादा पुण्यों की प्राप्ति होती है. जितना पुण्य मनुष्य को गंगा स्नान करने से प्राप्त होता है उससे अधिक पुण्य वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से मिलता है. इसकी महिमा अपार है. शास्त्रों के अनुसार अगर कोई महिला वरुथिनी एकादशी का उपवास करती है तो उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.


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