हमारे घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है बालकनी. बालकनी से जहां घर को प्रकाश और हवा मिलती है. बालकनी से हम बाहरी दुनिया की झलक मिलती है.
क्या आप जानते हैं बालकनी से भी वास्तुदोष उतपन्न हो सकते हैं. बालकनी को यदि वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक बनाया जाए तो ज्यादा लाभप्रद परिणाम मिलते हैं.
बालकनी की दिशा
- बालकनी की दिशा घर के मुख्य दरवाजे की दिशा के अनुसार ही निर्धारित होनी चाहिए.
- घर का मुख्य दरवाजा अगर पूर्व दिशा की तरफ है तो बालकनी का निर्माण पूर्व या उत्तर दिशा में करें.
- अगर घर के मुख्य दरवाजे की दिशा पश्चिम की तरफ है तो बालकनी को उत्तर या पश्चिम की दिशा में बनाना चाहिए.
- यदि घर की दिशा उत्तर की तरफ है तो बालकनी को पूर्व या उत्तर दिशा में बनाना चाहिए.
- यदि घर दक्षिणमुखी है तो, बालकनी की दिशा पूर्व या दक्षिण दिशा होनी चाहिए.
बालकनी की सजावट कैसी हो
- घर में पॉजिटिव एनर्जी के प्रवेश के लिए बालकनी के उत्तर-पूर्व एवं पूर्व दिशा में छोटे पौधे लगाएं. जैसे तुलसी,गेंदा,लिली,हरीदूब,पुदीना,हल्दी आदि.
- उत्तर दिशा में नीले रंग के फूल देने वाले पौधे लगाएं.
- कांटेदार एवं बोनसाई पौधों को न लगाएं. वास्तु के इन्हें अनुसार व्यक्ति के विकास में अवरोध माना गया हैं.
- गुलाब के पौधों को गमलों में लगाया जा सकता है. कलरफुल पॉट भी लटका सकते है, जिनमें मनीप्लांट या सीजनल फूलों वाले पौधों को लगाया जा सकता है.
- बालकनी में भारी गमलों वाले बड़े पौधे नहीं लगाएं.
- कभी भी काला रंग गमलों पर न करें. यह नकारात्मकता को बढ़ाता है.
- बालकनी में पक्षियों के लिए ए जल का पात्र टांग दें.
इन उपायों को भी आजमाएं
- बालकनी में सुंदर मुद्रा की कलात्मक पेंटिंग, स्वास्तिक चिन्ह या विंडचाइम भी लगाएं.
- बालकनी में पानी के लिए ढलान वास्तु अनुसार होनी चाहिए , पानी का ढलान दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ होना चाहिए.
- बालकनी में किसी प्रकार की गंदगी और अनुपयोगी सामान रखने से बचना चाहिए.
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