वास्तुशास्त्र : गृहस्थ जीवन बेहतर बनाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
गृहस्थ जीवन समाज का आधार है. पति-पत्नी के बीच बेहतर तालमेल और प्रेम बना रहे इसके लिए वास्तुशास्त्र की इन बातों पर ध्यान रखा जाना बेहतर है.
दाम्पत्य जीवन की सफलता का एक मात्र आवश्यक भाव प्रेम है. लोग दाम्पत्य जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए कई प्रयोग करते हैं. व्यवहारिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ उपाय बताए गए हैं.
वास्तु के अनुसार, घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में मास्टर बेडरूम की उपस्थिति पुरुष शक्ति केंद्र को संतुलित करने में मदद करती है. यह पार्टनर्स के बीच सकारात्मक खिंचाव और केमिस्ट्री को बनाए रखता है.
धातु के बिस्तरों से बचना चाहिए क्योंकि यह नींद में खलल डालता है. पार्टनर्स के बीच तनाव पैदा करता है. पलंग का ऊपरी भाग दक्षिण दिशा में होना चाहिए. इसके अलावा बेड को दरवाजे के सामने नहीं रखा जाना चाहिए.
बेडरूम की दीवारों पर इस्तेमाल किया गया रंग हल्का और सुखदायी होना चाहिए. बेडरूम में गुलाबी या लाल रंग जैसे लाल बत्ती, लाल रजाई आदि का उपयोग क्षणिक अवधि के लिए किया जा सकता है.
वास्तु के अनुसार, रिश्ते में प्यार और मजबूती बनाए रखने के लिए पत्नी को अपने पति के बाईं ओर सोना चाहिए.
बेडरूम में बिजली के उपकरणों के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि वे तनाव पैदा करके रिश्तों को विचलित करते हैं.
रिश्ते में प्यार और सकारात्मकता के प्रवाह के लिए बेडरूम साफ और व्यवस्थित होना चाहिए.
जीवन में प्रेम को बनाए रखने के लिए सुनिश्चित करें कि कमरे में 'सिंगल आइडेंटिटी' सजावट की वस्तुएं नहीं हों, जैसे कि एक सिंगल बतख या तितली. उन्हें प्यार के दो प्रतीक में रखें। दूसरे शब्दों में कहें तो एक कबूतर का जोड़ा, लव बर्ड्स या लक्ष्मी-नारायण जैसे आदर्श जोड़े बेहतर हैं. बेडरूम में दिवंगत आत्माओं की तस्वीरों को न रखें.
दक्षिण-पश्चिम दिशा में पारिवारिक फोटो और पश्चिम दिशा में कपल्स की फोटो की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है.
वास्तुशास्त्र में हल्के या पेस्टल रंग के प्रकाश के साथ लैंपशेड रखने का सुझाव दिया जाता है.