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Vastu Shastra: घर की सुख शांति के लिए दीवारों से जुड़े इन वास्तु नियमों का पालन है जरूरी
घर अन्य चीजों के साथ ही दीवारों का भी सही सलामत होना जरूरी है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होगा तो दीवारों में भी वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है.
![Vastu Shastra: घर की सुख शांति के लिए दीवारों से जुड़े इन वास्तु नियमों का पालन है जरूरी Vastu Shastra: It is important to follow these architectural rules related to the walls for the peace of home Vastu Shastra: घर की सुख शांति के लिए दीवारों से जुड़े इन वास्तु नियमों का पालन है जरूरी](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/27042247/vastu-shahtra-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वास्तुदोष किसी भी घर की सुख-शांति को भंग कर सकता है. घर अन्य चीजों के साथ ही दीवारों का भी सही सलामत होना जरूरी है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होगा तो दीवारों में भी वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है.
वास्तुशास्त्र में किसी भी प्लॉट या भवन की चारदीवारी को बहुत महत्व दिया गया है. घर की सीमाओं की निर्धारण तो चारदीवारी से होती है साथ ही ऊर्जा के अतिरिक्त प्रवाह पर घर के अंदर और बाहर अंकुश भी चारदीवारी से लगता है.
कैसी होनी चाहिए दीवारें
- घर की बाहरी चारदीवारी की उपयुक्त ऊंचाई मुख्य प्रवेशद्वार की ऊंचाई से तीन चौथाई अधिक होनी चाहिए.
- पश्चिम और दक्षिण दिशाओं की दीवारों की ऊंचाई उत्तर और पूर्व दिशाओं की दीवारों की तुलना में 30 सेमी.अधिक होनी चाहिए.
- पश्चिम और दक्षिण दिशाओं की दीवारें उत्तर और पूर्व दिशाओं की चारदीवारों से अधिक मोटी भी होनी चाहिए.
दीवारो में कोई दरार नहीं होनी चाहिए
- दीवारों का रंग-रोगन उखड़ा हुआ नहीं होना चाहिए.
- भवन के अंदर की दीवारों पर गहरा नीला या काला रंग, नारंगी या गहरा पीला रंग, चटक लाल रंग, गहरा हरा रंग दीवारों पर न करवाएं.
- घर में सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए दिशानुसार नम्र,हल्के व सात्विक रंगों का प्रयोग शुभ परिणामों में वृद्धि करेगा.
- दीवारों क साफ सफाई होती रहनी चाहिए, उन पर धूल, मकड़ी के जाले आदि नहीं लगने चाहिए
घर के चारों तरफ बनवानी हो फेंस
- प्लॉट के चारों तरफ अगर फेंस लगाना हो तो उसे लकड़ी या लोहे से बनवाएं.
- लकड़ी के फट्टे अथवा लोहे की पट्टियां हमेशा आड़ी ही लगवानी चाहिए.
- उत्तर-पूर्व के भाग में लकड़ी अथवा लोहे का वर्टिकल फेंस खड़ा करना चाहिए
- उत्तर-पूर्व कोण के भाग में यदि ईटों की चारदीवारी खड़ी करनी हो तो यहां की दीवारों में झरोके रखें.
- यदि ईंट की चारदीवारी के उत्तरी या पूर्वी भाग की सीध में कोई सामने से आती हुई सड़क है तो ऐसी स्थिति में वहां दीवार में जाली-झरोका नहीं बनवाएं.
- यदि जमीन प्राकृतिक तौर पर दक्षिण से उत्तर और पश्चिम से पूर्व की ओर ढलवां है तो ऐसे भूखंड के उत्तर-पूर्व कोण की चारदीवारी में झरोका न बनवाएं
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