वास्तु में घर की सभी वस्तुओं के लिए नियम बनाए गए हैं.  घर में सभी चीजों का वास्तु के नियमों के अनुसार होना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि अगर घर में वस्तुएं वास्तु के अनुसार न हो तो परिवार को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वास्तु में दिशाओं के अनुसार हर कार्य करने का नियम बताया गया है. कौन सी वस्तु किस दिशा में होनी चाहिए इसके बारे में भी वास्तु शास्त्र हमें बताता है. हम आपको बताते हैं कि हमें दिशाओं के अनुसार कैसे कार्य करने चाहिए.


पूजा का स्थान: पूजा का स्थान इस तरह से बनाना चाहिए कि पूजा करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व या फिर उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए, घर में मंदिर उत्तर पूर्व कोने में बनाना चाहिए, इसे घर का ईशान कोण भी कहा जाता है.


भोजन करते समय: वास्तु शास्त्र में भोजन करने की भी सही दिशा बताई गई है. भोजन करते समय भोजन की थाली दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए और आपका मुख को पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.


सोते समय:  शयन कक्ष में अपने सोने के बिस्तर या पलंग को  दक्षिण और उत्तर दिशा में रखना चाहिए.  अपने बेड को इस तरह से रखें कि सोते समय  आपका मुख दक्षिण दिशा की तरफ और आपके पैर उत्तर दिशा की तरफ होने चाहिए.


पानी  का स्थान: वास्तु शास्त्र के मुताबिक जल का बहाव गलत दिशा में होने से घर में आर्थिक परेशानियां आती हैं. घर के उत्तर पूर्व दिशा में जल का स्थान बनवाएं, और उस जगह से पूरे घर में पानी की सप्लाई का प्रबंध करें.


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