वास्तु शास्त्र में घर के चार कोण बताए गए हैं. अगर घर के चारों कोणों की व्यवस्था उनकी प्रकृति के अनुसार की जाए तो घर में सुख-शांति बनी रहती है. वास्तु शास्त्र में जिन चार कोणों का वर्णन है उनमें - उत्तर और पूर्व दिशा का कोना यानि ईशान कोण, उत्तर और पश्चिम दिशा का कोना- वायव्य कोण, पश्चिम और दक्षिण दिशा का कोना- नैऋत्य कोण, दक्षिण और पूर्व दिशा का कोना- अग्नेय कोण शामिल हैं. हम आपको आज उस कोण के बारे में बताएंगे जो हमारे करियर को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है.


बहुत पवित्र माना जाता है ईशान कोण
ईशान कोण उत्तर और पूर्व दिशा के मेल से बनता है यह सूर्योदय की दिशा है. इसे कोण को बहुत पवित्र माना जाता है. इसलिए इसे हमेशा साफ रखना चाहिए.


भगवान शिव हैं ईशान कोण के देवता
ईशान कोण के देवता भगवान शिव माने जाते हैं. हिमालय पर्वत पर भगवान शिव का वास और यह उत्तर दिशा में स्थित है. ईशान कोण को ध्यान के लिए बहुत उत्तम माना जाता है क्योंकि भगवान शिव भी हमेशा ध्यान में लीन रहते हैं.


करियर के लिहाज से महत्वपूर्ण है ईशान
ईशान कोण करियर के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. घर के सदस्यों का करियर कैसा रहेगा यह ईशान कोण से संबंधित है. करियर में यदि तरक्की चाहिए तो इस कोण को स्वच्छ और खुला रखें. इस कोण में लक्ष्मी और गणेशजी की प्रतिम स्थापित कर उनकी सुबह शाम पूजा करें.  ऑफिस में मीटिंग रूम या कॉन्फ्रेंस रूम इसी कोण में बनवाएं और दुकान में मंदिर भी इसी कोण में स्थापित करें.


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