Eating Habits: आज के समय में जमीन पर बैठकर या फिर कितने में बैठकर भोजन करने की परंपरा लगभग खत्म सी हो गई है, किचन की जगह लोग डायनिंग टेबल, बिस्तर पर बैठकर या फिर टीवी के सामने बैठकर पर भोजन करना पसंद करते हैं. पुराने जमाने में लोग किचन में ही भोजन किया करते थे क्योंकि इसका धार्मिक महत्व है.


किचन में खाना खाने के लाभ


भले ही पुरानी परांपराओं को लोग रूढ़िवादिता समझ लें, लेकिन परंपराएं व्यक्ति को स्वस्थ और सुखी रखने के लिए बनाई गई थीं. रसोई. घर का सबसे पवित्र हिस्सा होता है, यहां बैठकर खाना खाने से न सिर्फ भोजन में किसी प्रकार की अशुद्धता आती है बल्कि वास्तु के अनुसार किचन में बैठकर खाना खाने से माता अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर में वास करती है.


राहु के दुष्प्रभाव से मुक्ति


राहु को शांत करने और खुश करने के लिए रसोई में बैठकर भोजन करने की सलाह दी जाती है. ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी किचन में बैठकर शुद्धता से भोजन करता है तो उस पर कभी भी राहु का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है.


प्राचीन काल में परिवारों के बीच अच्छी बॉन्डिंग होने का एक बड़ा कारण यही था कि लोग एक साथ रसोई में बैठकर खाना खाते थे और अपनी पूरे दिन की गतिविधियां साझा करते थे.


जमीन पर बैठकर खाना


किचन में जमीन पर बैठकर भोजन करना न केवल हमारी संस्कृति का हिस्सा है बल्कि सेहत के लिए भी वैज्ञानिक आधार रखता है. जब हम जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो उस तरीके को पद्मासन की तरह देखा जाता है. यह आसन हमारे स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक है. इससे मानसिक तनाव नहीं रहता. पेट संबंधी समस्या का अंत होता है.


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