Vastu Shastra: केला (Banana) या केले का पेड़ सभी तरफ से गुणकारी माना जाता है. किसी भी मांगलिक काम से लेकर पूजा, अनुष्ठानों में इस्तेमाल किए जाने वाले केले का वृक्ष काफी पवित्र माना जाता है.


कई मंदिरों और खाने के भंडारे में आज भी केले के पत्ते को इस्तेमाल किया जाता है. इतने गुण होने के बाद भी केले के पेड़ कभी भी घर में लगाने की सलाह नहीं दी जाती है. इसके पीछे का क्या कारण है? आइए जानते हैं इसके बारे में


पौराणिक कथा के अनुसार जब श्री विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी (Lakshmi Ji) का विवाह हो रहा था, तब देवताओं ने मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रता का काफी मजाक बनाया. देवताओं द्वारा किए उपहास के कारण दरिद्रता को काफी दुख पहुंचा. भगवान सबको अपनी शरण में लेते हैं.


इसलिए दरिद्रता जब श्री विष्णु के पास पंहुची तो उन्होंने दरिद्रता से कहा कि आज के बाद तुम्हारा केले के पेड़ पर वास रहेगा. जो कोई भी केले के पेड़ की सच्चे मन से पूजा करेगा, वो मेरा प्रिय बन जाएगा. जिसके बाद से केले के पेड़ पर दरिद्रता का वास हो गया. 


ऐसे में केले के पेड़ को घर में लगाने से दरिद्रता अपने आप घर में वास कर लेती है, जिसके बाद से कई तरह की परेशानियां और दिक्कत व्यक्ति के जीवन में शुरू हो जाती है. इसलिए घर में केले के पेड़ को नहीं लगाना चाहिए. घर में केले के पेड़ को लगाने से आपको धन धीरे-धीरे क्षीण होने लगता है. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) की माने तो कभी भी केले के पेड़ के नीचे बैठकर खाना भी नहीं चाहिए. ऐसा करना सही नहीं माना जाता है.


हालांकि किसी भी तरह के भोजन को केले के पत्ते में खाने से किसी भी तरह का रोग नहीं होता है. घर में केले का पेड़ लगाना शुभ नहीं माना जाता है, किंतु धार्मिक गतिविधि के रूप में केले का वृक्ष काफी शुभ माना जाता है. अगर आपका मन है तो आप किसी खुली जगह पर केले का पेड़ लगा सकते हैं. 


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