Vastu Tips For Puja: वास्तु टिप्स में हर कमरे की एक निश्चित दिशा बताई गई है. वास्तु टिप्स में घर के मंदिर से जुड़ी खास बातें बताई गई हैं.  घर पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहे और पूजा-पाठ का पूरा लाभ मिल सके इसके लिए पूजा घर में वास्तु नियमों का पालन करना जरूरी है. गलत दिशा में की गई पूजा से लाभ होने की बजाय आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 


ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि पूजा स्थान से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए आपका पूजा घर वास्तु के हिसाब से ऐसा होना चाहिए, जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बेहतर तरीके से कर पाए. वास्तु में हर देवता की एक निश्चित दिशा बताई गई हैं.


किस देवता के लिए कौनसी दिशा



ज्योतिषाचार्य ने बताया कि प्रत्येक दिशा के अपने देवता हैं  जो उस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए उस क्षेत्र के देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उस दिशा विशेष में ही पूजा करना उत्तम रहता है. जैसे देवी माँ और हनुमान जी की पूजा दक्षिण दिशा में,धन की दिशा उत्तर में गणेश,लक्ष्मी जी एवं कुबेर की और उत्तर-पूर्व दिशा में शिव परिवार और राधा-कृष्ण की पूजा करना उत्तम रहता है.


वहीं पूर्व दिशा में श्री राम दरबार,भगवान विष्णु की आराधना और सूर्य उपासना करने से परिवार में सौभाग्य की वृद्धि होती है. शिक्षा की दिशा पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में विद्यादायिनी माँ सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है. पश्चिम दिशा में गुरु,महावीर स्वामी,भगवान बुद्ध,जीसस की पूजा शुभ फल प्रदान करती है. संबंधों और जुड़ाव की दिशा दक्षिण-पश्चिम में पूर्वजों की पूजा सुख-समृद्धि प्रदान करेगी.


पूजा के नियम


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पूजा स्थल में सुबह -शाम नियमित रूप से दीपक जलाना एवं शंख ज़रूर रखना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर परिवार में सुख-सौहार्द का वातावरण बनेगा. कभी भी सूखे हुए पुष्प पूजा घर में न रखें, वास्तु में इसे शुभ नहीं माना गया है. पूजा घर में किसी भी प्रकार सात्विक रंग जैसे हल्का हरा,पीला,जामुनी या क्रीम रंग का यहां प्रयोग करने से मन को शांति मिलती है.


इन बातों का रखें ध्यान


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पूजाघर के नीचे या ऊपर शौचालय नहीं होना चाहिए. पूजाघर में महाभारत की प्रतिमाएं,प्राणी तथा पक्षियों के चित्र नहीं होने चाहिए. दिवंगतों की तस्वीरें भी यहां नहीं रखे. पूजाघर में धन-संपत्ति छुपाकर रखना शुभ नहीं माना गया है. यहां पर कोई भी खंडित तस्वीर या मूर्ति नहीं होनी चाहिए. दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए.


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